प्राच्यविद्याओं के संरक्षण संवर्धन के लिए हरसंभव प्रयासों का जताया संकल्प, दिव्य संरचनाओं के निर्माण की विस्तृत कार्ययोजना तैयार
बांसवाड़ा, 16 दिसम्बर/बांसवाड़ा शहर के प्राचीनतम वनेश्वर शिवालय के समीप अवस्थित पीताम्बरा आश्रम के विस्तृत परिसर में गायत्री मण्डल द्वारा प्राच्यविद्या संस्कार, साधना एवं प्रशिक्षण के लिए आध्यात्मिक चेतना केन्द्र के अन्तर्गत विभिन्न संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा। इसे लेकर व्यापक स्तर पर कार्ययोजना बनाई गई है जिसका क्रियान्वयन शीघ्र ही किया जाएगा।
इसके अन्तर्गत सनातन धर्म से संबंधित सभी वर्गों, समुदायों एवं इस क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं और धर्मावलम्बियों के सहयोग से पीताम्बरा शक्तिपीठ, दैवीय एवं दिव्य उद्यान, ध्यान केन्द्र आदि भवनों का निर्माण किया जाएगा।
यह निर्णय गायत्री मण्डल के मुख्य संरक्षक श्री दिलीप गुप्ता के सान्निध्य में शनिवार को पीताम्बरा आश्रम में हुई मण्डल की कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया।
ऐतिहासिक दैवीय धाम बनाने का संकल्प
श्री गुप्ता ने मण्डल की अब तक की गतिविधियों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से धर्म-अध्यात्म एवं संस्कार निर्माण की दिशा में बहुत जल्द ही बेहतर, बहुद्देशीय एवं ऐतिहासिक धाम की स्थापना के संकल्पों को पूरा किया जाएगा।
पुरातन परम्पराओं के अनुरूप होंगे कार्य
बैठक में संरक्षकों सर्वश्री डॉ. दिनेश भट्ट एवं जयप्रकाश पण्ड्या, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ब्रह्मर्षि पं. दिव्यभारत पण्ड्या एवं उपाध्यक्ष श्री मनोहर जी. जोशी ने मण्डल की भौतिक संरचनाओं का निर्माण प्राच्य परम्पराओं और गुरुकुल पद्धति से किए जाने का सुझाव दिया।
उत्साही भागीदारी का दिग्दर्शन
उपाध्यक्ष श्री अनिमेष पुरोहित, सचिव श्री विनोद शुक्ला एवं सह सचिव श्री सुभाष भट्ट ने गायत्री मण्डल द्वारा विगत डेढ़ माह में पीताम्बरा आश्रम में हुए विकास कार्यों तथा प्रतिदिन हो रहे अनुष्ठानों एवं यज्ञ विधान के बारे में जानकारी दी और बताया कि इसमें उत्साही साधकों एवं साधिकाओं की भागीदारी उत्तरोत्तर विस्तार पाती जा रही है।
वास्तुशास्त्र के अनुरूप होगा निर्माण
जाने माने वास्तु विशेषज्ञ पं. चन्द्रशेखर जोशी ने समूचे परिक्षेत्र में वास्तु शास्त्र के अनुरूप निर्माण गतिविधियों को मूर्त रूप देने की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण सुझाव देते हुए भौतिक संरचनाओं के निर्माण की दृष्टि से विभिन्न स्थलों का सीमांकन कराया।
कार्यकारिणी सदस्य श्री कमलकान्त भट्ट ने गायत्री मण्डल की भूमि एवं भवनों से संबंधित तकनीकी स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला।
पूर्व बैंक अधिकारी पं. सुशील त्रिवेदी ने मण्डल की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ किए जाने की दिशा में अहम् सुझाव दिए और सदस्यों की अधिकाधिक आर्थिक भागीदारी बढ़ाने पर बल दिया।
बैठक में पीताम्बरा परिषद के सह संयोजक पं. मधुसूदन व्यास, कार्यक्रम समन्वयक पं. मनोज नरहरि भट्ट, वरिष्ठ साधक पं. मनोहर जोशी(सरेड़ी बड़ी), पं. अंकित त्रिवेदी, पं. आशीष भट्ट, पं. अनिल पण्ड्या, पं. दिलीप अधिकारी, पं. ललित कुमार आचार्य, पं. जय रणा सहित वास्तुविदों, तकनीकि विशेषज्ञों, प्राच्यविद्यामर्मज्ञों एवं गणमान्य सामाजिक आध्यात्मिक चिन्तकों ने हिस्सा लिया और अपने विचार व्यक्त किए। अन्त में मण्डल अध्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त किया।
भूमि सर्वेक्षण एवं चिह्निकरण हुआ
इससे पूर्व पीताम्बरा आश्रम के विस्तृत परिक्षेत्र में विभिन्न संरचनाओं के निर्माण की दृष्टि से भवन निर्माण से संबंधित दक्षता प्राप्त विशेष तकनीकि टीम द्वारा सम्पूर्ण परिसर तथा विस्तृत भूमि का सर्वेक्षण एवं स्थल चिह्निकरण का कार्य किया। इसके अनुरूप विकास एवं विस्तार गतिविधियों के संचालन की सुव्यवस्थित योजना का प्रारूप तय किया गया।
हनुमान यज्ञ एवं पूजा-अर्चना
गायत्री मण्डल के तत्वावधान में पीताम्बरा आश्रम स्थित हनुमत्पीठ परिसर में पिछली 4 नवम्बर से रोजाना संचालित हो रहे गायत्री एवं हनुमान यज्ञ के साथ ही मण्डल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पं. दिव्यभारत पण्ड्या के आचार्यत्व में शनिवार को हनुमान सहस्राक्षर नामावली से हनुमान यज्ञ, शनिवारीय विशेष हनुमान अर्चन तथा अभिषेक आदि के अनुष्ठान हुए।
इनमें मुख्य संरक्षक सहित संरक्षकों, कार्यकारिणी के पदाधिकारियो, साधकों एवं हनुमान भक्तों ने हिस्सा लिया तथा आरती एवं पुष्पान्जलि विधान पूर्ण किया।
सायंकालीन सत्र में युवा साधक पं. जय रणा के आचार्यत्व में विभिन्न अनुष्ठान हुए। इनमें साधकों ने भक्तिभाव से हिस्सा लिया।
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