"यदि आप अपने मन में प्रसन्न रहेंगे, तो आपका मानसिक तनाव कम रहेगा, आपकी बुद्धि भी ठीक काम करेगी। आप अपनी समस्याएं अंदर ही अंदर सुलझा सकेंगे। आपके निर्णय अच्छे होंगे। आप अपने जीवन में सुख सफलता को प्राप्त करेंगे। इसका प्रभाव आपके चेहरे पर पड़ेगा। आप के चेहरे पर भी मुस्कान आ जाएगी।"
यदि आप ऐसा मुस्कुराता हुआ चेहरा लेकर दूसरों के सामने जाएंगे, तो इससे दूसरों पर भी बहुत अच्छा प्रभाव पड़ेगा। "आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा देखकर दूसरे लोग भी प्रसन्न हो जाएंगे। उनका मानसिक तनाव आदि भी कुछ कम हो जाएगा। और आपको इसका पुण्य मिलेगा।"
"यदि आप अंदर अंदर परेशान हैं, दुखी हैं, तो आपकी बुद्धि भी ठीक काम नहीं करेगी। आप अपनी समस्याओं को भी ठीक से नहीं सुलझा पाएंगे। उसका प्रभाव आपके चेहरे पर भी आएगा। आपका चेहरा उदास दिखाई देगा।"
"जब आप अपना उदास चेहरा लेकर दूसरों के सामने जाएंगे, तो इससे उनकी समस्याएं और बढ़ेंगी। उनका तनाव और बढ़ेगा। तब इसका दोष आपको लगेगा।" क्योंकि दूसरों की भी वैसी ही समस्याएं हैं, जैसी आपकी हैं। "जैसे आप अपनी समस्याओं से संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे ही दूसरे लोग भी अपनी-अपनी समस्याओं से संघर्ष कर रहे हैं।"
"इसलिए आप अपने मन से सदा प्रसन्न रहें। सकारात्मक चिंतन अर्थात पॉजिटिव थिंकिंग रखें। इससे आप अपनी समस्याओं को सुलझा लेंगे। आपका चेहरा भी मुस्कुराता हुआ होगा। और उस मुस्कुराते चेहरे से आप स्वयं भी आनंदित रहेंगे, तथा दूसरों का भी तनाव कम करेंगे।"
"तो अपने चेहरे की मुस्कान को कभी न छोड़ें। क्योंकि यही आप की और दूसरे लोगों की भी सभी समस्याओं का हल है।"
—- “स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक दर्शन योग महाविद्यालय, रोजड़ गुजरात।”