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अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा का गहलोत – सचिन पायलट संबंधों पर विशेष खुलासा

राजस्थान : ‘सचिन पायलट के हर मूवमेंट पर थी नजर, फोन भी हुआ टैप’: गहलोत के OSD रहे लोकेश शर्मा का चौंकाने वाला खुलासा

कहावत है ‘चोरों को सारे नज़र आते हैं चोर’, कांग्रेस पर सटीक बैठती है। फोन टेप करते हैं खुद, आरोप भाजपा पर लगाते हैं कि बीजेपी विपक्ष के फोन टेप कर/करवा रही है। याद हो, ऐसी अभी कुछ समय पूर्व चर्चा थी। जबकि राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने ही सहयोगी सचिन पायलट का फोन टेप कर रहे थे। ज्ञात हो, यूपीए के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे प्रणव मुखर्जी की जासूसी किये जाने की बहुत चर्चा थी, लेकिन जासूसी कैमरा हटाने पर यह कह कर पर्दा डाला गया था कि “चिनगाम” थी। अब कोई यूपीए से पूछे कि ‘क्या किसी मिनिस्टर के कमरे में कोई दीवारों पर “चिनगाम” फैंकता हैं?

विधानसभा चुनावों में पराजय के बाद अब राजस्थान में कांग्रेस सरकार की करतूतों की पोल उनके अपने ही खोल रहे हैं। सचिन पायलट की निगरानी किए जाने का चौंकाने वाला खुलासा लोकेश शर्मा ने किया है। शर्मा निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विशेष कार्याधिकारी (OSD) रह चुके हैं।
शर्मा के अनुसार पायलट के हर मूवमेंट पर नजर रखी जाती थी। उनका फोन टैप कराया गया था। सचिन पायलट का कहना है कि वे इस मुद्दे को पार्टी विधायक दल की बैठक में उठाएँगे। शर्मा ने इससे पहले चुनावों में कांग्रेस की हार का कसूरवार भी गहलोत को ही बताया था।

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार पायलट की निगरानी और फोन टैप किए जाने के उनके समर्थकों के आरोपों को लेकर शर्मा से सवाल किया गया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा, “ये तो निश्चित रूप से सबके सामने था कि वे कहाँ जा रहे थे, किससे मिल रहे थे, किससे बात कर रहे थे, इस पर नजर रखी गई थी।”

लोकेश शर्मा ने का यह भी कहना है कि उन्होंने कुछ विधायकों के टिकट काटने और सचिन पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान देने की सलाह मुख्यमंत्री गहलोत को दी थी। उन्होंने कहा, “अपने सर्वेक्षणों के आधार पर, मैंने मुख्यमंत्री से कहा था कि उन्हें मौजूदा विधायकों को बदलने की जरूरत है। उन्हें सचिन पायलट द्वारा उठाए गए पेपर लीक मुद्दे पर भी ध्यान देना चाहिए। लेकिन उनकी आपसी लड़ाई ने उस चुनाव में पार्टी को भारी नुकसान पहुँचाया, जिसे हम जीत सकते थे।”

लोकेश शर्मा ने बताया कि अशोक गहलोत ने उनके सुझावों पर कोई एक्शन नहीं लिया। कांग्रेस आलाकमान को गलत रिपोर्ट भेजकर अँधेरे में रखा है। इसी कारण से पार्टी राज्य में हारी। लोकेश बीकानेर या भीलवाड़ा से लड़ना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई है। पाँच साल सत्ता में रहने के बाद अब 2023 के विधानसभा चुनाव में मात्र 69 सीटें मिली हैं। भाजपा ने 115 सीटों के साथ राज्य में स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है।

लोकेश बीकानेर या भीलवाड़ा से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। ऐसे में विधानसभा चुनाव में पार्टी को महज 69 सीटें मिलने के बाद से उन्होंने मोर्चा खोल रखा है। नतीजों के बाद उन्होंने कहा था, “तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया। आज तक पार्टी से सिर्फ लिया ही लिया है, लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत।”

आगे उन्होंने लिखा था,”आलाकमान के साथ फरेब, ऊपर सही फीडबैक न पहुँचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना, अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय और आपाधापी में फैसले लिए जाते रहना, तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को उनकी स्पष्ट हार को देखते हुए भी टिकट दिलवाने की जिद, आज के ये नतीजे तय थे।”

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