आत्मा परमात्मा का सजातीय है। *स्वामी चित्तेश्वरानन्द जी*
आपकी अपनी संस्था चिम्मन आर्य आर्षवेद ट्रस्ट गुरुकुल मुरसदपुर में सामवेद पारायण यज्ञ के तीसरे दिन यज्ञ पर पूज्य स्वामी चित्तेश्वरानन्द जी का प्रेरक अध्यात्म प्रधान आशीर्वचन हुआ।
पूज्य स्वामी जी ने यज्ञ पर उपस्थित अतिथियों यज्ञ प्रेमियों को संबोधित करते हुए कहा-
“आत्मा चेतन अनादि एकदेशी है ईश्वर भी चेतन विभु अनादि है आत्मा व परमात्मा के कुछ गुण एक समान है ऐसे में दोनों सजातीय है। आत्मा को अन्न फल फूल भोजन आदि अपने लिए नहीं अपने शरीर के रखरखाव के लिए चाहिए आत्मा बगैर शरीर के कुछ भी नहीं कर सकता उसका अपना समर्थ बहुत थोड़ा है शरीर से ही हम शुभ अशुभ कर्म हम करते हैं। शरीर को ही सजाने संवारने खिलाने पिलाने में यदि हम अपना जीवन का उद्देश्य समझते हैं तो हम अविद्या के पथ पर चल रहे हैं अंधकार लोक में हमारी गति होगी ।शरीर को साधन मान कर उसे आनंद के स्रोत परमात्मा का साक्षात्कार आत्मा को करना चाहिए इसी में शरीर जीवन की सार्थकता है”।
वैदिक विदुषी साध्वी प्रजा जी ने कहा प्रत्येक कार्य की वेशभूषा निर्धारित होती है ।कोई पुलिसकर्मी सैनिक, विद्यार्थी हो उसकी भी वेशभूषा निर्धारित होती है हमें यज्ञ में यज्ञीय वेशभूषा में ही आना चाहिए। अनुशासन का पालन करना चाहिए नियमों में यदि हम ढील देते बरतते हैं आचरण में यदि हम मनमाना आचरण प्रदर्शित करते हैं तो एक न एक दिन हम अपने कर्तव्य से भ्रष्ट हो जाते हैं। ऐसे में यज्ञीय वेशभूषा धोती कुर्ता व माता बहनों को साड़ी में ही आना चाहिए। परिवार के बच्चों को प्रातः उठने की आदत विकसित करनी चाहिए बच्चों को देर रात्रि इंटरनेट मोबाइल टेलीविजन आदि जैसी गतिविधियों में अपने स्वास्थ्य को बर्बाद नहीं करना चाहिए ।हमें निशाचर नहीं बनना चाहिए प्रातः बच्चों को उठाना चाहिए । अवकाश के दिनों में भी।
आज के यज्ञ के यजमान गुरुकुल भूमि दानदाता स्वर्गीय महाशय चिम्मन आर्य जी के छोटे सुपुत्र व गुरुकुल के सहयोगी भाई राम अवतार आर्य जी सपत्नीक रहे दूसरे यजमान भाई दिवाकर आर्य जी कुड़ी खेड़ा सपरिवार रहे।
यज्ञ व्यवस्था का बहुत ही कुशल संचालन आचार्य जैनेंद्र जी ने किया ।स्वामी प्राण देव जी की भी पावन उपस्थिति रही। इस अवसर पर मास्टर प्रताप आर्य पौत्र पौत्री सहित सपरिवार ,बेगराज आर्य ,राकेश शर्मा, प्रधान मांगेराम आर्य ,कमल आर्य बलबीर आर्य, बाबूराम आर्य जीता आर्य आर्य सागर खारी विनोद आर्य वानप्रस्थी देव मुनि ओम मुनी, शिव मुनि जी रोहतास आर्य ,विकल आर्य आदेश आर्य बलेराम फौजी, सतीश आर्य यशपाल आर्य महेश चंद आर्य समाज सेवी सतीश नंबरदार कमल आर्य आदि सम्मानित जन उपस्थित रहे।
इस पावन यज्ञ की पूर्णाहुति 5 दिसंबर को प्राप्त 11:00 बजे है दो दिन यह संचालित रहेगा आप सभी पुनः सपरिवार बंधु बांधव सहित सादर आमंत्रित है।
आर्य सागर खारी 🖋️