भारतीय गणराज्य के दसवें राष्ट्रपति के रूप में कोचेरियल रमण नारायणन आये। इनकी पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं थी। वे भारतीय विदेश सेवा के सदस्य थे। वे एक नौकरशाह से उपराष्ट्रपति और फिर उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति बने थे। नौकरशाह से राष्ट्रपति बनने वाले वे पहले व्यक्ति थे। इसके बाद कलाम साहब राष्ट्रपति बने थे-उनकी भी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी। 21 अगस्त 1992 को वह भारतीय गणराज्य के उपराष्ट्रपति बनाये गये। उपराष्ट्रपति रहते हुए के. आर. नारायणन ने राज्यसभा का संचालन किया और सदा ही अपने निष्पक्ष आचरण और व्यवहार का परिचय दिया। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री काल में वे केन्द्रीय मंत्री रहे। उपराष्ट्रपति के रूप में उनका निष्पक्ष आचरण सभी को स्वीकार्य होता था। 25 जुलाई 1997 को उन्हें जस्टिस जे.एस. वर्मा ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह मलयाली भाषा के बोलने वाले थे। वह पहले ऐसे राष्ट्राध्यक्ष थे जिन्होंने अपने अधिकार का प्रयोग किया था। ये अपनी बुद्घिमत्ता और तेजी की निर्णायक क्षमता के लिए याद किये जाते हैं।
डॉ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत