भारत के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में डा. जाकिर हुसैन आये। 13 मई 1962 को वे भारत के उपराष्ट्रपति बने थे। 7 जुलाई 1957 से 1962 तक वह बिहार के गर्वनर भी रह चुके थे। डा राधाकृष्णन ने जब पुन: राष्ट्रपति बनने से इनकार कर दिया तो कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के रूप में डा. हुसैन को मैदान में उतारा। प्रचार अभियान के दौरान डा. हुसैन मिसीगन विश्वविद्यालय के 195वें वार्षिक अधिवेशन में भाग लेने हेतु दिल्ली से बाहर चले गये थे और तीन दिन पहले ही लौटे। 9 मई 1967 को वह भारत के तीसरे राष्ट्रपति निर्वाचित किये गये। 13 मई 1967 को सुबह 8.30 बजे उन्होंने संसद के केन्द्रीय कक्ष में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश के एन वंचू से पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति के रूप में डा. जाकिर हुसैन को संपूर्ण देश का प्यार और सम्मान मिला। इनका कार्यकाल मात्र भाग दो वर्ष का रहा। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए ही इनकी मृत्यु हो गयी।
तब संवैधानिक परंपरा के अनुसार भारत के उपराष्ट्रपति वाराहगिरि वेंकट गिरि ने इनका कार्यभार संभाला।
डॉ राकेश कुमार आर्य
मुख्य संपादक, उगता भारत