इस्लाम और जिहाद एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते . यदि इस्लाम शरीर है ,तो जिहाद इसकी आत्मा है . और जिस दिन इस्लाम से जिहाद निकल जायेगा उसी दिन इस्लाम मर जायेगा . इसीलिए इस्लाम को जीवित रखने के लिए मुसलमान किसी न किसी बहाने और किसी न किसी देश में जिहाद करते रहते हैं . इमका एकमात्र उद्देश्य विश्व के सभी धर्मों , संसकृतियों को नष्ट करके इस्लामी हुकूमत कायम करना है . अभी तक तो मुसलमान आतंकवाद का सहरा लेकर जिहाद करते आये थे ,लेकिन इसी साल के अगस्त महीने में जिहाद का एक नया और अविश्वसनीय स्वरूप प्रकट हुआ है ,जो कुरान से प्रेरित होकर बनाया गया है . लोगों ने इसे “सेक्स जिहाद ( Sex Jihad ) का नाम दिया है .चूंकि जिहादियों की मदद करना भी जिहाद माना जाता है ,इसलिए सीरिया में चल रहे युद्ध ( जिहाद ) में जिहादियों की वासना शांत करने के लिए औरतों की जरुरत थी . जिसके लिए अगस्त में बाकायदा एक फ़तवा जारी किया गया था . और उसे पढ़ कर ट्यूनीसिया की औरतें सीरिया पहुँच गयी थी .और जिहादियों के साथ सम्भोग करने के लिए तैयार हो गयीं ,और मुल्लों ने कुरान का हवाला देकर इस निंदनीय कुकर्म को जायज कैसे ठहरा दिया इस लेख में इसी बात को स्पष्ट किया जा रहा है . ताकि लोग इस्लाम् के इस घिनावने असली रूप को देख सकें ,
1-जिहाद अल्लाह को प्रिय है
अल्लाह चाहता है कि मुसलमान जिहाद के लिए अपने बाप ,भाई और पत्नियों को भी छोड़ दें ,तभी अल्लाह खुश होगा , जैसा की कुरान में कहा है
“अल्लाह तो उन्हीं लोगों को अधिक पसंद करता है ,जो अल्लाह की ख़ुशी के लिए पंक्ति बना कर जिहाद करते हैं ” सूरा -अस सफ 61 :4
” हे नबी कहदो ,तुम्हें अपने बाप ,भाई , पत्नियाँ और जो माल तुमने कमाया है ,जिन से तुम जितना प्रेम करते हो , और उनके छूट जाने का डर लगा रहता है .लेकिन उसकी तुलना में अल्लाह के रसूल को जिहाद अधिक प्रिय है ”
सूरा -तौबा 9 :24
2-जिहाद में औरतों से सम्भोग
मुसलमान जितने भी अपराध और कुकर्म करते हैं , सब कुरान से प्रेरित होते हैं , क्योंकि कुरान हरेक कुकर्म को जायज ठहरता है .जिस से अपराधियों की हिम्मत बढ़ जाती है , और “सेक्स जिहाद ” कुरान की इस आयत के आधार पर किया जा रहा है ,
” اللَّاتِي هَاجَرْنَ مَعَكَ وَامْرَأَةً مُؤْمِنَةً إِنْ وَهَبَتْ نَفْسَهَا لِلنَّبِيِّ إِنْ أَرَادَ النَّبِيُّ ”
” हे नबी हमने तुम्हारे लिए वह सभी ईमान वाली ( मुस्लिम ) औरतें हलाल कर दी हैं ,जो रसूल के उपयोग के लिए खुद को ” हिबा- هِبة ” ( समर्पित ) कर दें ”
सूरा -अहजाब 33: 50
” and believing woman who offers herself freely use to the Prophet -Sura-ahzab33:50
नोट -अरबी शब्द हिबा का अर्थ अपनी किसी चीज दूसरों को उपयोग के लिए सौंप देना , हिबा कुछ समय के लिए और हमेशा के लिए भी हो सकता है . हिबा में मिली गयी चीज का जैसे चाहें उपयोग किया जा सकता है . चाहे वह औरत हो या कोई वस्तू
3-जिहाद्के लिए औरतों का समर्पण
सामान्यतः एक चरित्रवान ,और शादीशुदा औरत किसी भी दशा में खुद को दूसरे मर्द के हवाले नहीं करेगी , जबकि उस को यह भी पता हो कि उसके साथ सहवास किया जायेगा .लेकिन मुहम्मद साहब ने कुरान में ऐसे नीच काम को भी धार्मिक कार्य बना दिया . जिसका पालन आज भी पालन कर रहे है , इसके पीछे यह कारण है , कि इस्लाम औरत को भोगने की व चीज है .मुहम्मद साहब जब भी जिहाद के लिए जाते थे ,तो अपनी औरतों को घर में बंद कर देते थे , और जिहादियों के साथ नयी औरतें पड़ते रहते थे . और जिहादी नयी औरतों के लालच में अपनी औरतें रसूल के हवाले कर देते थे .खुद को रसूल के हिबा करने के पीछे यह ऐतिहासिक घटना है , हिजरी सन 5 के शव्वाल महीने में मुहम्मद साहब को जब यह पता चला कि मदीना के सभी कबीले के लोग उनके विरुद्ध युद्ध की तयारी कर रहे हैं .और उन्होंने खुद के बचाव के लिये खन्दक भी खोद रखी है . तब मुहम्मद साहब ने खुद आगे बढ़ कर उन पर हमला करने के कूच का हुक्म दे दिया . इसके लिए 1500 तलवारें 300 कवच , 2000 भाले 1500 ढालें जमा कर लीं थी .इस जिहादी लस्कर में जिहादियों की औरतें भी थी . जिहादी तो युद्ध में नयी औरतों के लालच में गए थे . और अपनी औरतें रसूल को हिबा कर गए थे . और रसूल ने उन औरतों के साथ सम्भोग को जायज बना दिया , तभी कुरान की यह आयत नाजिल हुई थी .जिस के अनुसार खुद को जिहाद के लिए अर्पित करने वाली औरतों से सम्भोग करना जायज है .
4-जिहाद अल निकाह
अंगरेजी अखबार डेली न्यूज (DailyNews ) दिनांक 20 सितम्बर 2013 में प्रकाशित खबर के अनुसार सीरिया में होने वाले युद्ध ( जिहाद ) में जिहादियों लिए ऐसी औरतों की जरुरत थी , जो जिहादियों के साथ सम्भोग करके उनकी वासना शांत कर सकें , ताकि वह बिना थके जिहाद करते रहे, इसके लिए अगस्त के अंत में एक सुन्नी मुफ़्ती ने फतवा भी जारी कर दिया था . जो ” फारस न्यूज ( FarsNews ) छपा था .इस फतवे की खबर पढ़ते ही ” ट्यूनीसिया ( Tunisia ) की हजारों विवाहित और कुंवारी औरतें सीरिया रवाना हो गईं .और जिहाद के नाम पर जिहादियों के साथ सम्भोग करने के लिए राजी हो गयीं . ट्यूनिसिया के ” आतंरिक मामले के के मंत्री ( Interior Minister )”लत्फी बिन जद्दू – لطفي بن جدو ” ने ट्यूनिसिया की National Constituent Assembly में बड़े गर्व से बताया कि जो औरतें सीरिया गयी है ,उनमे अक्सर ऐसी औरतें हैं ,जो एक दिन में 20 -30 और यहांतक 100 जिहादियों के साथ सम्भोग कर सकती हैं .और जो औरतें गर्भवती हो जाती हैं , उन्हें वापिस भेज दिया जाता है , जिस मुफ़्ती ने इस प्रकार के जिहाद कफतावा दिया था ,उसने इस का नाम ” जिहाद अल निकाह – الجهاد النِّكاح ” का नाम दिया है .सुन्नी उल्रमा के अनुसार यह एक ऐसा पवित्र और वैध काम है ,जिसमे एक औरत कई कई जिहादियों के साथ सम्भोग करके उनकी वासना शांत कराती है .लत्फी बिन जददू ने यह भी बताया कि मार्च से लेकर अब तक छह हजार ( 6000 )औरतें सीरिया जा चुकी हैं ,और कुछ की आयु तो केवल 14 साल ही है .
5-सेक्स का फ़तवा
किसी भी विषय या समस्या के बारे में कुरान के आधार पर जोभी धार्मिक निर्णय किया जाता है ,उसे फतवा कहा जाता है , और मुसलामनों के लिए ऐसे फतवा का पालन करना अनिवार्य हो जाता है . चूँकि इन दिनों सीरिया में जिहाद हो रहा है , जिसमें हजारों जिहादी लगे हुए हैं .और उनकी वासना शांत करने के लिए औरतों की जरुरत थी , इस लिए एक सुन्नी मुफ़्ती ” शेख मुहम्मद अल आरिफी – شيخ محمّد العارفي ” ने इसी साल अगस्त में एक फतवा जारी कर दिया था ,इस फतवा में कहा है कि सीरिया के जिहादियों की कामेच्छा ( sexual desires ) पूरी करने के लिए और शत्रु को मारने उनके निश्चय में मजबूती ( sexual desires and boost their determiation in killing Syrians.
प्रदान करने के लिए ” सम्भोग विवाह” यानी “अजवाज अल जमाअ -الزواج الجماع ” जरूरी (intercourse marriages )है .फतवा में कहा है ,जो भी औरत इस प्रकार के सेक्स से जिहादियों की मदद करेगी उसे जन्नत का वादा किया जाता है ( He also promised “paradise” for those who marry the militants )
” ووعد أيضا “الجنة” بالنسبة لأولئك الذين يتزوجون من المسلحين ”
यह फतवा कुरान की इस आयत के आधार पर जारी किया गया है ,
” जिन लोगों ने अपने मन और शरीर से जिहाद किया तो ऐसे लोगों का दर्जा सबसे ऊंचा माना जाएगा ” सूरा -तौबा 9 :29
6-जिहाद के लिए योनि संकोचन
मुसलमान जानते हैं कि भारत में अभी प्रजातंत्र है , और इसमे जनसंख्या का महत्त्व होता है .इसलिए वह लगातार बच्चे पैदा करने में लगे रहते हैं .और लगतार बच्चे पैदा करने से उनकी औरतों योनि इतनी ढीली हो जाती है ,कि उसमे उनका पति अपना सिर घुसा कर अन्दर देख सकता है .और अपनी औरतों की योनि को संकोचित ( Vaginal Shrink ) करवाने के लिए धनवान मुसलमान ” हिम्नोप्लास्टी -hymenoplasty ” नामक ओपरेशन करवा लेते थे .चूंकि सीरिया में सेक्स जिहाद में एक एक औरत दिन में सौ सौ जिहादियों के साथ सम्भोग करा रही है , जिस से उनकी योनि ढीली हो जाती है . और युद्ध के समय ओपरेशन करवाना संभव नहीं था .इसलिए पाकिस्तान की एक दवा कंपनी( Pakistan’s pharmacies ) ने एक क्रीम तैयार की है .जो कराची से सीरिया भेजी जा रही है .पाकिस्तान के अखबार “एक्सप्रेस ट्रिब्यून ( Express Tribune ) में दिनांक20 अगस्त 2013 की खबर के अनुसार कराची में इन दिनों ” योनि संकोचन ( Vaginal Shrink Cream,” ) ले लिए एक क्रीम बिक रही है . जिसे लोग वर्जिन क्रीम ( Virgin Cream” ) भी कह रहे हैं .इसमे उत्पादक ने दावा किया है कि कितनी भी ढीली योनि हो , इस क्रीम के प्रयोग से 18 साल की कुंवारी लड़की की योनि जैसी सिकुड़ी और सकरी बन जाएगी .इसी अखबार की सह संपादक “हलीमाँ मंसूर “खुद इस क्रीम को देखा , जिसके डिब्बे पर एक हंसती हुई लड़की की तस्वीर है .यह क्रीम दो नामों से बिक रही है
1. B-Virgin’, (the package displaying a youthful girl smiling at white flowers).
2 . और दूसरी का नाम 18 Again (Vaginal Shrink Cream,) है . जो शीशी में मिल रही है .इस पर लिखा है ” promise to restore a woman’s virginity. “यह क्रीम बड़ी मात्रा में पाकिस्तान से सीरिया भेजी जा रही है , ताकि संकुचित योनि पाकर जिहादी दिल से जिहाद करते रहें .
‘Re-virginising’ in a tube: ‘Purity’ for sale at Pakistani pharmacies
https://tinyurl.com/mrypfv7v
7-सेक्स जिहाद विडिओ
शेख मुहम्मद अल आरिफी ने टी वी पर जो सेक्स जिहाद का फतवा दिया था , वह यू ट्यूब पर मौजूद है ,इस विडिओ का नाम है , जिहाद अल निकाह -jihad al nikah- جهاد النكاح … فتوى حقيقة او بدعة ”
यह लेख पढनेके बावजूद जो लोग इस्लाम को धर्म मानते हैं और मुसलमानों से सदाचारी होने की उम्मीद रखते हैं ,उन्हें अपने दिमाग का इलाज करवा . वास्तव में देश में जितने भी बलात्कार हो रहे हैं , सबके पीछे इसलाम की तालीम है .जिसका भंडाफ़ोड़ करना हरेक व्यक्ति का कर्तव्य है .समझ लीजिये इस्लाम का अर्थ शांति नहीं समर्पण ( surrendar ) है . जिहाद का अर्थ परिश्रम करना नहीं आतंक ( terror ) है , कुरबानी का अर्थ त्याग नहीं जीव हत्या ( slaughter ) है .और रहमान का अर्थ दयालु नहीं हत्यारा ( killer ) है .यदि इतना भी समझ लोगे तो इस्लाम को समझ लोगे .
(200/129)(05/01/2016)
बृजनंदन शर्मा
लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखन के निजी विचार है
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।