भारत धर्मप्राण व अहिंसा प्रधान देश होने के कारण विश्व में ‘जगदगुरु की तरह आदर पाता है। भगवान श्री राम, कृष्ण, बुद्ध व भगवान महावीर आदि सभी अवतारों व विभूतियों ने जीव मात्र में भगवान के दर्शन करने, किसी भी प्राणी की हिंसा न करने, भोजन शुद्ध – सात्विक करने की प्रेरणा दी । यह अत्यन्त दुर्भाग्य की बात है कि ‘सेकुलरिज्म व प्रगतिशीलता की आड़ में चारों ओर हिंसा अनैतिकता तथा मांसाहार आदि का बोलबाला होता जा रहा है । और तो और सरकार की ओर से खुले आम ‘सण्डे हो या मंडे रोज खाओ अण्डे जैसे विज्ञापन प्रसारित कर वैष्णव व शाकाहारी परिवारों में अण्डे मांस खाने की लत डाली जा रही है। अनेक एलोपैथी दवाओं में अल्कोहल (शराब) तथा पशुओं के रक्त का मिश्रण होता है। इन्हें खाने वाले वैष्णव प्रवृत्ति के मरीजों की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं।
हमारे परिवारों में जन्मदिन पर जो केक काटने की कुप्रथा चलने लगी है, शायद उन्हें पता न हो कि केवल अच्छे कहे जाने वाले बिस्कुटों में भी अंडा डाला जाता है। हिन्दू बच्चे व युवा पीढ़ी ‘पिज्जा खाने लगी है। पिज्जा में गोमांस डाला जाता है
आपके लखते जिगर पिज्जा खाने के शौकीन है और वह पिज्जा खाने की जिद करें तो संभलकर उसकी जिद पूरी करें, क्योंकि इसमें गोवंश मांस (बीफ) की परत होती है।
पैकेट पर इस बारे में साफ लिखा भी है। हालांकि जिस पैकेट में यह खाद्य सामग्री है, उस पर उत्पाद का वेज या नानवेज होने की पुष्टि करने वाला लोगो नहीं है। केंद्र के कामर्स एंड इंडस्ट्री मत्रालय के अधीन डायरेक्टर जनरल फारेन ट्रेड से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गर्इ जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
मेरठ के प्रहलाद नगर निवासी सागर ने यह सूचना मांगी थी। डायेक्टर जनरल की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में ऐसे पिज्जा की बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए कार्रवार्इ करने का आग्रह किया गया है। इसमें पिज्जा निर्माता ही नहीं बेचने वाले के विरुद्ध भी कार्रवार्इ करने को कहा गया है।
डी॰ एम॰ सुभाष चंद शर्मा के आदेश पर ए॰डी॰एम॰ सिटी महावीर प्रसाद आर्य ने इसके लिए छापामार दल का गठन किया है, जिसमें एस ॰पी॰ सिटी, नगर आयुक्त व नगर स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल सघन अभियान चलाकर इन पिज्जा बेचने वालों के विरुद्ध कार्रवार्इ करने के आदेश दिये गये हैं।
पिज्जा बनाने में बीफ का प्रयोग करने वाली कंपनी इंडोनेशिया की है। पैकेट पर उत्पाद को तैयार करने में प्रयोग किए जाने वाले दर्जनभर पदार्थों का नाम छपा है। रैपर पर अंग्रेजी में ‘बीफ जिलेटिन शब्द लिखा है, इसका अर्थ है कि गोवंश मांस की परत। हालांकि यह बेहद महीन शब्दों मे छपा है। पर पैकेट पर नानवेज का लोगो नहीं है। 15 ग्राम के छोटे से रंग-बिरंगे पैकेट में बंद यह पिज्जा हर गली व चौराहे पर दुकानों पर बेचा जा रहा है। इस पैकेट में पांच स्लाइस होती हैं, जिसमें एक-एक परत बीफ की लगी होती है।
इस संबंध में मेरठ के कमिश्नर भुवनेश कुमार का कहना है कि ऐसे पिज्जा की बिक्री के खिलाफ न केवल मेरठ में बलिक पूरे मंडल में अभियान चलाया जायेगा। संबंधित डीएम को इस बाबत आदेश जारी किये गये है।
उपरोक्त समाचार से यह स्पष्ट हो जाता है, कि पिज्जा खाने वालों का किस प्रकार धर्मभ्रष्ट किया जा रहा है। मेरठ के सांसद श्री राजेद्र अग्रवाल ने यह मामला संसद में उठाया है।
मेरठ के जागरुक पत्रकार अजय मित्तल ने भी इसकी सूचना प्रसारित कर अपने दायित्व का निर्वाह किया है।