शराब शैतान का पानी है*

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लेखक आर्य सागर खारी🖋️

ऐ शराब तूने अक्सर कोमो को खाके छोड़ा |
जिस घर से सर उठाया ,उसको मिटा के छोड़ा|
राजाओं के राज छीने, शाहो के ताज छीने|
गर्दनकशो को अक्सर नीचा दिखाके छोड़ा |

बहनों की मांग छीनी , माताओं के लाल छीने|
जिस घर में घुसी, उस घर को मिट्टी में मिलाके छोड़ा||

“मैं मद्यपान को चोरी ,यहां तक की वेश्यावृत्ति से भी अधिक निंदनीय कर्म मानता हूं| मैं आप सभी साथियों के साथ मिलकर आबकारी राजस्व को उखाड़ फेकने और शराब की दुकानों को खत्म करने में योगदान देने को कहता हूं|” ( महात्मा गांधी)

“शराब मनुष्य को, राक्षस बना देती है|”
( महर्षि दयानंद सरस्वती )

“जहां शैतान खुद नहीं पहुंच पाता ,वहां शराब को भेज देता है” | ( यहूदी कहावत)

“तन मन धन और अकल हरे तू ,करती बहुत खता दारू| फिर भी लोग तने पीवे, तु कारण हमको बता दारू|
स्वाद में कड़वी भाव में महंगी ,अनर्थ का भंडार तू
फिर भी लोग तने पीवे ,तू कारण हमको बता दारू||”
( पंडित लख्मीचंद)

“मांडा नशा शराब का ,उतर जाए प्रभात
नाम खुमारी नानका ,चढ़ी रहे दिन रात”
( गुरु नानक)

“ना रहा दूध -दही का खाना
बिगड़ गए यूपी और हरियाणा”

प्यारे दोस्तों शराब राक्षसनी है |आत्मा ,शरीर ,समाज सभी को खोखला कर देती है |मनुष्य को जीते जी राक्षस बना देती है |शराबी का घर शमशान के तुल्य हो जाता है जिसमें उसके बच्चे रोते बिलखते रहते हैं सदैव| संसार के सभी कुकर्म ,पाप ,अपराधों ,हत्याकांड, भयंकर सड़क हादसों पीछे शराब एक केवल एक कारण है| यह सहारा देती नहीं सहारा छीन लेती है| अपराध शास्त्र में शराब को सभी अपराधों के पीछे प्रमुख कारण माना गया है|
शराबी को सामान्य व्यक्ति नहीं साइकोपैथ माना गया है|
सरकारों के लिए चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की शराब आमदनी ,राजस्व बढ़ोतरी बढ़ाने का जरिया मात्र है |उसे उसमें कोई बुराई नजर नहीं आती चाहे यह देश बलात्कारी ,वहशी दरिंदों विधवा अनाथ बच्चों का देश ही क्यों ना बन जाए | आजादी के बाद जस्टिस टेकचंद समिति शराब की बुराइयों के संबंध में गठित की गई थी,जिसमें यह नतीजा निकला था कि संपन्न राष्ट्रों का ऐश्वर्या को मिट्टी में मिला दिया है इस शराब ने | पराक्रमी यादव जाति जिसमें श्री कृष्ण ने जन्म लिया था इसी बुराई के कारण नष्ट हो गई| रोमन साम्राज्य के पतन का एक कारण निसंदेह शराब ही थी| 100 ml पीने वाला भी शराबी है 1000ml पीने वाला भी शराबी है |कुछ लोगों में भ्रांतियां रहती है रोज रोज पीने वाला भी शराबी है साल में एक बार पीने वाला भी शराबी है| शराबी कोई भी हो चाहे हमारा रिश्तेदार पड़ौसी समाज का प्रतिष्ठित व्यक्ति वह सम्मान का नहीं निंदा का पात्र है| उसके दोष उसके मुख के सामने कहो| उसे समझाओ चाहे कुछ भी हो |तब जाकर यह व्यापक बुराई हमारे समाज ,राष्ट्र से खत्म हो पाएगी| सामाजिक कार्यक्रमों में शराब के सेवन करने वाले व्यक्तियों को पिछली पंक्ति में बैठाने की व्यवस्था करें | जो इस बुराई से रहित है ,उसका सम्मान करें| ऐसे वैवाहिक ,सामाजिक ,सार्वजनिक कार्यक्रमों का बहिष्कार करें जहां शराब पिलाई जाती है, परोसी जाती है जाती | शराबियों के सर्किल को फ्रेंड सर्किल ना माने राक्षसों *दुष्टों का सर्किल माने*| जब हम दृढ़ता से इन चीजों पर अमल करेंगे, तब जाकर यह देश अतीत का वही विश्व गुरु भारत बन पाएगा जिसके बारे में दुनिया फिर से कहेगी…………………………………….।
कहेगा जगत एक स्वर में सारा। वही वृद्ध भारत गुरु है हमारा ।।

(आर्य सागर खारी)

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