पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्या कभी अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आ सकेगा ?
अजय कुमार
बात केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान की कि जाये तो उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है और हाईकोर्ट प्रयागराज में है, ऐसे में पश्चिमी यूपी के निवाासियों को हाईकोर्ट की दूरी तय करने में काफी समय लग जाता है।
आम चुनाव से पूर्व एक बार फिर अलग पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मांग उठने लगी है। मांग भी बीजेपी के सांसद द्वारा किया जाना और भी आश्चर्यजनक लगता है। दरअसल, केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग के बयान से राजनीति गरमा गई है। वैसे राजनीति के कुछ जानकार इसे किसान आंदोलन के चलते बीजेपी को हो रहे सियासी नुकसान को पाटने के तौर पर देख रहे हैं। जिस तरह से भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, उसकी काट के तौर पर भी इसे देखा जा रहा है।
बात बालियान की कि जाये तो उन्होंने कहा कि उप्र की राजधानी लखनऊ है और हाईकोर्ट प्रयागराज में है, ऐसे में पश्चिमी यूपी के निवाासियों को हाईकोर्ट की दूरी तय करने में काफी समय लग जाता है। इसलिए पश्चिमी यूपी को अलग राज्य घोषित कर मेरठ को इसकी राजधानी बनाया जाए ताकि यहां के नागरिकों की समस्या का समाधान हो सके। छपरौली से भाजपा के पूर्व विधायक सहेंद्र सिंह रमाला ने भी केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनवाने के बयान का समर्थन किया। पूर्व विधायक ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश हर हाल में बनना चाहिए और इसकी राजधानी मेरठ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य बनने से क्षेत्र में खुशहाली आएगी और विकास के रास्ते खुलेंगे। यह देश का सबसे अच्छा और समृद्ध प्रदेश होगा। लेकिन संजीव बालियान की मांग का बीजेपी नेताओं ने ही विरोध शुरू कर दिया। वहीं आरएलडी और समाजवादी पार्टी के ओर से भी प्रतिक्रिया आई है।
संजीव बालियान की मांग पर आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह छोटे राज्यों के पक्ष में थे। उन्होंने हरित प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल की बात की थी। इसके साथ ही विदर्भ और अन्य राज्यों की बात अपने वक्त पर करते थे, लेकिन बीजेपी राज्यों का बंटवारा नहीं करने जा रही है, वो चुनाव को देखकर डरी हुई है। पश्चिम में रालोद और जयंत चौधरी की लोकप्रियता बढ़ी है लिहाजा बीजेपी डर कर ऐसे बयान दे रही है।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम ने संजीव बालियान के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो पश्चिमी यूपी मिनी पाकिस्तान बन जाएगा। अब संगीत सोम के इस बयान पर त्रिलोक त्यागी ने पलटवार करते हुए कहा है कि ऐसे बयान मंदबुद्धि और कुबुद्धि के लोग देते हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के ओर से सांसद एसटी हसन भी इस जुबानी जंग में आ गए हैं। उन्होंने पश्चिमी यूपी की मांग पर कहा कि हम चाहेंगे कि विभाजन नहीं हो। संजीव बालियान का ये बयान पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है, वो इसमें कोई अपना समीकरण देख रहे होंगे। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि आप कह रहे हैं पश्चिमी राज्य, उत्तर प्रदेश के दो हिस्से करके बनने चाहिए। ये आप कह किससे रहे हैं- सपा, कांग्रेस या आरएलडी से। आप सत्ता में हैं तो साढ़े नौ साल में क्यों नहीं बनाया है। उत्तर प्रदेश में भी आपकी सरकार है, आप प्रस्ताव मंगा लीजिए और बनाईए। हम आपका स्वागत करेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि बनाना तो आपको है और बीजेपी को बनाना है तो आप बनाते क्यों नहीं हैं। कुल मिलाकर सामने हार देखकर और दीवार पर लिखी हुई इबारत पढ़कर पश्चिमी यूपी के नाम पर जुमला फेंका जा रहा है।