प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं, यह कुदरत की देन होती है। उसकी मेहरबानी किस पर कैसी हो जाए कहा नहीं जा सकता। केन्द्रीय विद्यालय एनटीपीसी की कक्षा-6 का छात्र हर्ष (इनसेट में) पुत्र कालीचरन कुदरत की इसी देन से नवाजा गया है। हर्ष (इनसेट में) साधारण रूप में तो केवल एक बच्चा है लेकिन जब उसे अपनी कला का जुनून चढ़ता है तो वही बच्चा मानव से देवता बन जाता है और अपना रूप काली देवी के रूप में जब बिखेरता है तो श्रोता और दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठते हैं।
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