दादरी। खाद्य सुरक्षा अधिनियम को पूरे देश में 5 अगस्त 2011 से लागू करने की घोषणा कर चुकी केन्द्र सरकार को व्यापारियों ने अपने विरोधी तेवरों से सकते में डाल दिया है। मंडल के वरिष्ठ सदस्य रामकुमार वर्मा ने केन्द्र सरकार की इस व्यवस्था पर क्षोभ प्रकट करते हुए कहा कि यह बड़े खेद का विषय है जो समाज राष्टï्र के साथ हर समस्या में हाथ से हाथ मिलाकर खड़ा रहता है तथा विभिन्न तरह के उत्पीडऩ चाहे वो रंगदारी, बदतमीजी, चोरी, डकैती, या आये दिन व्यापारियों की होने वाली हत्याओं के बावजूद हमेशा अपना संयम बनाये रखता है, बावजूद इसके की व्यापारियों को संरक्षण एवं सुरक्षा दी जाए सरकार हमेशा व्यापारियों के हितों पर कुठाराघात कर हमला करती है अभी आभूषणों पर टैक्स का मसला ठंडा भी नहीं हुआ था कि केन्द्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लाने की घोषणा कर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है।
प्रतिनिधिमंडल ने उपजिलाधिकारी को दिये अपने ज्ञापन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को संबोधित करते हुए मांग की है कि लाइसेंस फीस का निर्धारण टर्नओवर के आधार पर नहीं करना चाहिए तथा लाइसेंस की व्यवस्था को आनलाईन के साथ मैनुअल भी किया जाए। व जो व्यापारी थोक व्यापार निर्माता एवं पैकेजिंग का कार्य एक ही परिसर में कर रहे हैं उन्हें उक्त विभाग का एक ही लाइसेंस देकर कार्य करने हेतु अधिकृत किया जाए। प्रतिनिधिमंडल की सैकड़ों व्यापारियों ने हिस्सा लिया तथा केन्द्र सरकार के खिलाफ जबर दस्त नारेबाजी की। उपस्थित लोगों को मंडल के अध्यक्ष प्रदीप कुमार, महामंत्री कालूराम गोयल व कोषाध्यक्ष शिवकुमार ने भी संबोधित किया।
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