तलवार दंपती पर आरोप तय करने पर बहस जारी
गाजियाबाद, चर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एस. लाल की अदालत में मंगलवार को तलवार दंपती पर आरोप पर बहस शुरू हो गई। पहले दिन सीबीआइ ने करीब आधे घंटे की बहस में अदालत को परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से अवगत कराया और दोनों के खिलाफ आरोप तय करने की गुजारिश की। वहीं बचाव पक्ष ने करीब दो घंटे तक बहस की और दलील दी कि इस हत्याकांड से तलवार दंपती का कोई लेना-देना नहीं है। सीबीआइ के पास तलवार दंपती के खिलाफ साक्ष्य नहीं है। लिहाजा उन पर आरोप तय नहीं किए जाएं।
आरुषि-हेमराज हत्याकांड की आरोपी व आरुषि की मां डा. नूपुर तलवार को कड़ी सुरक्षा में सुबह अदालत में पेश किया गया, जबकि मामले के दूसरे आरोपी व आरुषि के पिता डा. राजेश तलवार भी अदालत में पेश हुए। करीब पौने बारह बजे अदालत में आरोप पर बहस शुरू हुई। इसमें सीबीआइ के अधिवक्ता आरके सैनी व बीके सिंह ने अदालत को इस मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों से अवगत कराया। दलील में सैनी ने कहा कि आरुषि-हेमराज की हत्या गोल्फ स्टिक से की गई है। मौत के बाद दोनों के गले सर्जिकल ब्लेड से काटे गए, जो किसी एक्सपर्ट द्वारा ही किया जा सकता है। अपराध दृश्य व शवों के साथ छेड़छाड़ की गई है। घर का दरवाजा अंदर से बंद था, जो सुबह नौ बजे नौकरानी के आने के बाद ही खोला गया। सैनी ने कहा कि मामले में परिस्थितिजन्य साक्ष्य पूरी तरह से तलवार दंपती के इस हत्याकांड में शामिल होने का इशारा करते हैं। डा. नूपुर तलवार व डा. राजेश तलवार के खिलाफ आइपीसी की धारा 302 सपठित 34,201 सपठित 34 के तहत अपराध बनता है। लिहाजा दोनों पर हत्या व साक्ष्यों को मिटाने के आरोप तय किए जाएं।
बचाव पक्ष की ओर से पेश वकीलों ने बहस में कहा कि एक्सप?ट्र्स की रिपोर्ट तलवार दंपती के खिलाफ नहीं हैं और न ही परिस्थितिजन्य साक्ष्य उनके खिलाफ हैं। इसके बाद लंच ब्रेक हो गया और दो बजे के बाद पुन: सुनवाई शुरू हुई।
बचाव पक्ष ने कहा कि हत्या में गोल्फ स्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया है। बचाव पक्ष का इस बात पर ज्यादा जोर रहा कि कोई भी मां इतनी निर्दयी नहीं हो सकती कि वह अपनी पुत्री की हत्या कर दे। इस बात को बचाव पक्ष ने बार-बार अपनी दलीलों में दोहराया। बचाव पक्ष ने निचली अदालत द्वारा क्लोजर रिपोर्ट पर लिए गए संज्ञान को भी चुनौती दी। करीब पौने चार बजे अदालत ने बहस जारी रखने के लिए 23 मई की तारीख निश्चित कर दी। अब बुधवार को भी चार्ज पर बहस होगी।