उगता भारत राष्ट्र मंदिर के संकल्पना सूत्र के कवर पेज का किया गया विमोचन : यह मंदिर कराएगा भारत की सनातन संस्कृति का दिग्दर्शन : डॉ सत्यपाल सिंह

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ग्रेटर नोएडा। राजस्थान के सीकर लोकसभा क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के बागपत लोकसभा क्षेत्र से सांसद स्वामी सुमेधानंद जी महाराज और डॉ सत्यपाल सिंह ने उगता भारत राष्ट्र मंदिर के संकल्पना सूत्र (पुस्तिका) के कवर पेज का यहां विमोचन किया।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बागपत लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद डॉक्टर सत्यपाल सिंह ने कहा कि उगता भारत राष्ट्र मंदिर भारत की सनातन संस्कृति का दिग्दर्शन कराएगा। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा का एक गौरवपूर्ण इतिहास है। जिस पर डॉ राकेश कुमार आर्य प्रणास पद कार्य कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की विरासत को समझना और सहजन समझ समय की आवश्यकता है। जो राष्ट्र अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेज कर रखने में असफल हो जाता है वह सभ्यताओं की दौड़ में आगे बढ़ नहीं पता और मिट जाता है पूर्ण ग्राम हमें गर्व है कि डॉक्टर राकेश कुमार आर्य इस महान कार्य का संपादन कर रहे हैं जिसकी राष्ट्र आज महती आवश्यकता अनुभव कर रहा है। डॉ सत्यपाल सिंह ने कहा कि भारत के अनेक ऐसे राजा महाराजा सम्राट हुए जिन्होंने अपनी चतुरंगिणी सेना सजाकर भारत की सभ्यता और संस्कृति का प्रचार प्रसार और विस्तार किया। उन्होंने राक्षसों के विरुद्ध सैनिक अभियानों का सफल नेतृत्व किया । इसके उपरान्त भी उन्होंने किसी देश को मिटाने या किसी सभ्यता को समाप्त करने या नरसंहार करने के लिए ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे मानवता कलंकित होती हो। हमारे अनेक वीर वीरांगना ऐसे हैं जिनको इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दिया गया। आज उनका पुनर्स्थापन होना समय की आवश्यकता है। जिसे डॉ आर्य सफलतापूर्वक संपादित कर रहे हैं।
इस अवसर पर स्वामी सुमित आनंद जी महाराज ने कहा कि इस महान कार्य में उनका शुभ आशीर्वाद सदैव डॉ आर्य के साथ है । उन्होंने कहा कि डॉ आर्य और उनकी टीम इस बात के लिए बधाई की पात्र है कि उनके मन मस्तिष्क में स्वामी श्रद्धानंद जी महाराज का वह सपना साकार करने की प्रेरणा जागृत हुई जिसके अंतर्गत उन्होंने ऐसे राष्ट्र मंदिर की परिकल्पना अपनी पुस्तक “हिंदू संगठन” में व्यक्त की थी ।
इस संबंध में विशेष जानकारी देते हुए उगता भारत राष्ट्र मंदिर के प्रणेता डॉक्टर राकेश कुमार आर्य ने बताया कि सृष्टि के प्रारंभ से लेकर अब तक के ज्ञात ऋषियों और उनके कार्यों का इस भव्य मंदिर में विशेष स्थान होगा । इसके अतिरिक्त अपने अनेक सम्राटों, देशभक्ति वीर वीरांगनाओं, क्रांतिकारियों और उन सभी राष्ट्रभक्तों को स्थान दिया जाएगा जिन्होंने अपने-अपने कालखंड में किसी ने किसी प्रकार देश की सेवा की और मानवता या प्राणी मात्र के लिए कार्य करते हुए अपना प्रेरणास्पद जीवन जिया।

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