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पर्यावरण

अमरपुरवासी अमर कर रहे है, इस पीपल वृक्ष को*।

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लेखक आर्य सागर खारी 🖋️।

पीपल का यह 200 वर्ष से अधिक पुराना वृक्ष ग्राम अमरपुर ग्रेटर नोएडा में है। जितना अधिक पुराना यह वृक्ष है उतना ही अनूठा इस वृक्ष के संरक्षण के पीछे का ग्रामीणों का भाव है। यह वृक्ष सार्वजनिक लोक मार्ग से होते हुए एक निजी चार दिवारी पर इसकी एक शाखा टिकी हुई है ,इस वृक्ष के कारण पूरी तरह आवागमन अवरूद्ध है। चार पहिए वाहन से आप इस रास्ते से नहीं गुजार सकते बाइक से भी काफी मशक्कत करनी होती है। मानो आप रेलवे क्रॉसिंग पार कर रहे हो। झुक कर निकालना पड़ता है लेकिन लोगों ने इस वृक्ष इसकी शाखा को आज तक नहीं काटा है ।वही हम देखते हैं लोग आलीशान कोठियां मकान को दिखाने के लिए प्राचीन से प्राचीन वृक्षों को अपनी शान शौकत की खातिर अकारण ही भेट चढ़ा देते हैं उन्हें काट देते हैं लेकिन ग्रामीणों ने इस वृक्ष से अपना अनोखा संबंध स्थापित कर लिया है। श्रीमान सतीश आर्य जी निवासी अमरपुर व उनका परिवार इस वृक्ष का संरक्षण कर रहा है। कोटि-कोटि वंदन है इस परिवार को। जबकि इस वृक्ष की इस स्थिति के कारण वही सर्वाधिक प्रभावित हैं उनका घर इस गली के आखिरी छोर पर पड़ता है ।उनका दो पहिया या चार पहिया वाहन उनके घर तक नहीं पहुंच पाता। उनका मानना है यह वृक्ष बहुत प्राचीन है सदियों से यह हमारे गांव की वायु को शुद्ध कर रहा है ऐसे में अब हम इसको कैसे काट सकते हैं ?हम भले ही आने-जाने में थोड़ी असुविधा सह सकते हैं।

वृक्षों को देवता मानने वाली पीढ़ी अभी भी गांवो में जीवित है। इस सनातन वैदिक संस्कृति को कोई नष्ट नही कर सकता। हर गांव में इसके ध्वजवाहक बसते हैं।

लेखक आर्य सागर खारी ✍

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