ग्रेटर नोएडा। किसानों द्वारा नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ऑनर्स एंड मेंबर एसोसिएशन (नेफोमा) को पत्र लिखने के बाद अब एसोसिएशन ने इसका जवाब भेजा है। नेफोमा का कहना है कि वह किसान आंदोलन का विरोध नहीं कर रही है। सिर्फ बिल्डरों से अपने आशियाने की मांग की लड़ाई लड़ी जा रही है। किसान चाहें तो नेफोमा के साथ मिलकर लड़ाई को अपने अंजाम तक पहुंचा सकते हैं। फ्लैट की बुकिंग और उसकी किस्तों के भुगतान में लोगों की जीवन भर की कमाई जा रही है। दो-तीन वर्ष बाद अब बिल्डर कह रहे हैं कि फ्लैट नहीं मिलेगा। ऐसे स्थिति में खरीदारों को आर्थिक और मानसिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। एसोसिएशन का कहना है कि एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से शहर का मास्टर प्लान स्वीकृत होने से सभी का लाभ होगा, इसलिए उसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि किसान आंदोलन में टीम अन्ना के सदस्य मनीष शिशोदिया के आने पर नेफोमा ने उन्हें काले झंडे दिखने की घोषणा की थी। इससे किसान भड़क उठे थे। उन्होंने रविवार को एक्सटेंशन के तुस्याना गांव में पंचायत कर नेफोमा से किसान आंदोलन का विरोध नहीं कराने का आग्रह किया था। किसानों का कहना था कि उन्हें निवेशकों के साथ पूरी सहानुभूति है। इसके जवाब में सोमवार को नेफोमा ने किसानों को पत्र भेजा है। उसका कहना है कि वे निवेशक नहीं हैं, निवेशक लाभ पाने के लिए फ्लैट बुक कराता है। उन्होंने सिर्फ आशियाना बनाने के लिए फ्लैट बुक कराए हैं। बिल्डर खरीदारों के पैसे से फ्लैटों का निर्माण करा रहे हैं।
निर्माण बंद होने से सबसे ज्यादा खरीदारों का नुकसान हुआ है। लोगों की जीवन भर की कमाई फंस गई है। नेफोमा का कहना है कि उनके साथ राजनीति की जा रही है। वे हमेशा कहते आए हैं कि पहले किसानों को उनका हक दो, उसके बाद खरीदारों को फ्लैट दो, लेकिन किसान कभी उनके साथ खड़े नजर नहीं आए।
एसोसिएशन ने पत्र के जरिये किसानों का आभार प्रकट करते हुए उनसे सहयोग मांगा है।
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