पिलखुवा। कानपुर विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डा. बीना रानी गुप्ता ने कहा कि सृजन दुसाध्य कर्म है लेकिन आनंदमय है। महिला ही ऐसी शक्ति है। जिसमें सृजन शक्ति मौजूद है। ये विचार उन्होंने भारत विकास परिषद पिलखुवा द्वारा आयोजित नि:शुल्क महिला प्रशिक्षण शिविर के समापन कार्यक्रम में व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि भारत विकास परिषद के पांच सूत्र संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा और समर्पण ही हमारे जीवन के आधार स्तंभ है। परिषद के प्रान्तीय अध्यक्ष वरदान अग्रवाल ने कहा कि पिलखुवा शाखा संपूर्ण प्रांत में एक मात्र ऐसी शाखा है जो महिलाओं के लिए बड़े से बड़े कार्यक्रम करती है। प्रान्तीय महासचिव अनिरूद्ध अग्रवाल, प्रान्तीय संगठन सचिव पवन गोयल, प्रान्तीय महिला संयोजिका सुनीता अग्रवाल ने भी अपने विचार किए। परिषद द्वारा यह शिविर 25 मई से जारी था। सोमवार को शिविर का समापन हुआ। प्रशिक्षण के दौरान बनाई गई वस्तुओं का प्रदर्शन व प्रतियोगिता भी आयोजित हुई। पैकिंग वर्ग में नेहा गोयल प्रथम, चारू गर्ग द्वितीय व प्राची सिंघल तृतीय रही। अनुपयोगी सामान से उपयोगी सामान बनाने वाले वर्ग में स्वर्निका गोयल प्रथम, क्षमा अग्रवाल द्वितीय व वन्दना सिंघल तृतीय रही तथा सांत्वना पुरस्कार आयुषी मित्तल, प्राची सिंघल व झलक मित्तल को दिए गए। मंच का संचालन परिषद के सचिव बिशन दयाल गोयल ने किया।
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