पवन वर्मा, विनायक फीचर्स
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म’ पर टिप्पणी पर विवाद के बीच मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस धर्मम् शरणम् गच्छामि की मुद्रा में आ गई हैं। वहीं कांग्रेस के हिंदुत्व की ओर तेजी से बढ़ते कदम ने मध्य प्रदेश भाजपा को भी इस ओर ज्यादा ध्यान देने को मजबूर कर दिया है।
मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सनानत धर्म पर होते पक्ष-विपक्ष के वार-पलटवार के बीच अब भाजपा और कांग्रेस दोनों ही धर्मम् शरणम् गच्छामि की मुद्रा में दिखाई देने लगे हैं। इसके चलते उम्मीदवारों के ऐलान से लेकर उनके नामांकन भरने और मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने तक सनानती परम्परा अनुसार ही शुभ मुहूर्त में ही काम किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके जरिए दोनों ही दल सनानती ज्ञान, संस्कार और परम्परा का पालन करने का संदेश ना सिर्फ अपनी विजय सुनिश्चित करने के लिए देंगे, बल्कि सत्ता के शिखर तक पहुंचने में भी इसका पालन दिखाई दे सकता है।
महाकाल लोक, एकात्म धाम भाजपा की देने
प्रदेश की भाजपा सरकार ने महाकाल लोक का निर्माण और ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची मूर्ति लगाई है। यहां पर एकात्म धाम बनाया गया है। जिसमें यह मूर्ति लगाई गई है। सनातन धर्म के पुनरुद्धारक, सांस्कृतिक एकता के देवदूत और अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रखर प्रवक्ता ‘आचार्य शंकर’ के लिए ये ‘एकात्म धाम’ विकसित किया जा रहा। यहां आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन और दर्शन के बारे में लोगों को जानकारी मिल सकेगी। इस भव्य और दिव्य ‘एकात्म धाम’ के अंतर्गत आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची ‘एकात्मता की प्रतिमा’ स्थापित की गई है। इसके साथ ही ‘अद्वैत लोक’ नाम से एक संग्रहालय और आचार्य शंकर अंतर्राष्ट्रीय अद्वैत वेदांत संस्थान भी बनाया गया है। इधर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने भी वर्षो पहले अपने गढ़ छिंदवाड़ा के सिमरिया में 103 फीट ऊंचे भगवान हनुमान की स्थापना की है। इसके साथ ही उन्होंने यहां पर राम-सीता, विष्णु-लक्ष्मी, राधे-कृष्ण के मंदिर का भी निर्माण करवाया है। कांग्रेस उनके इस कार्य को इस चुनाव में भुनाना चाहती है।
भाजपा का तोड़ गणेश चतुर्थी पर किया शुरू
मध्य प्रदेश में तीन सितम्बर से भाजपा जनआशीर्वाद यात्रा निकाल रही है। इस यात्रा में भाजपा नेताओं को मिल रहे जनता के समर्थन को देखते हुए कांग्रेस ने इसका तोड़ तलाशा। कांग्रेस ने जनआक्रोश यात्रा निकालने का तय किया। यह यात्रा उसने गणेश चतुर्थी के दिन से शुरू की। कांग्रेस ने गणेश चतुर्थी पर ज्यादा जोर दिया। प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने स्वयं पत्रकार वार्ता लेकर गणेश चतुर्थी का उल्लेख यात्रा के श्रीगणेश करने के लिए किया था।
वास्तु शास्त्र का रखा ध्यान
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों ने अपने प्रदेश दफ्तर में वास्तु शास्त्र का ध्यान रखा है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के भवन में वास्तु दोष दूर करने को लेकर कई निर्माण कार्य किए गए, तो कई को सुधारा गया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय बिल्डिंग में जहां बेसमेंट में भरे हुए पानी को निकाल कर अब कांग्रेस के कई पदाधिकारियों के चैम्बर बनाए गए हैं। वहीं भवन के वॉशरूम को भी सुधारा गया है। बैसमेंट में जाने का एक रास्ता भी बंद किया गया। इसके अलावा एक मेन गेट को भी अब बंद कर दिया गया है। इधर भाजपा हाल ही में नए भवन में शिफ्ट हुई है। उसका पुराना भवन फिर से बनाया जा रहा है। इसलिए इन दिनों वह दूसरे भवन से अपना काम काज चला रही है। इस भवन में भी वास्तु दोष न हो इस पर विशेष ध्यान दिया गया है। हालांकि दोनों ही दलों के भवन में वास्तु दोष से कितना लाभ मिलेगा यह आने वाले दिसंबर में पता चलेगा।
पितृपक्ष में उम्मीदवारों का ऐलान करने से बचेंगे
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही यह तय किया है कि इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे पितृपक्ष में प्रत्याशियों के ऐलान करने से बचा जाए। सनानत में ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में नए कार्य करने से बचना चाहिए। इसके चलते टिकटों का ऐलान करने से बच सकते हैं। भाजपा अपने उम्मीदवारों का ऐलान 28 सितम्बर तक कर सकती है। उसके बाद 15 अक्टूबर को करेगी। इसी तरह का प्लान कांग्रेस में बन रहा है कि वह भी अक्टूबर में नवरात्रि के दौरान अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है।
नामांकन भी शुभ मुहूर्त में
यह परम्परा