नई दिल्ली। यूपीए सरकार की तरफ से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी कौन होगा इसका नाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ही तय करेंगी। उम्मीद के मुताबिक, कांग्रेस कार्यसमिति ने सोमवार को सोनिया गांधी को दोनों उच्च संवैधानिक पदों के लिए प्रत्याशी तय करने के लिए अधिकृत कर दिया। आश्चर्यजनक रूप से इस बारे में प्रस्ताव वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की तरफ से लाया गया, जो कि राष्ट्रपति पद के प्रबल प्रत्याशी माने जा रहे हैं। कांग्रेस के भीतर इस घटनाक्रम को दादा की प्रत्याशिता के खिलाफ देखा जा रहा है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर प्रणब के प्रस्ताव के गहरे राजनीतिक निहितार्थ लगाए जा रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता शीर्ष नेतृत्व के इस पैंतरे का मतलब तलाशने में जुटे हैं। उनका कहना है कि इस कदम के बाद दादा की भूमिका बढऩा तय है, लेकिन अगर उन्हें राष्ट्रपति की दौड़ से बाहर किया जाता है तो राजनीतिक स्तर पर बड़े उलटफेर की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। प्रणब ने राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के चयन का अधिकार सोनिया गांधी को सौंपने का प्रस्ताव खुद के पेश किए जाने को मजाकिया लहजे में टाल दिया।
Categories