*
कलकत्ते में पिछले २० वर्षो में खास करके वृहत्तर बड़ा बाजार में हावड़ा ब्रिज से ले कर राइटर्स बिल्डिंग तक और हावड़ा ब्रिज से ले कर सियालदह स्टेशन तक जो कि मुख्यता वाणिज्यिक क्षेत्र है वहां पर देखा गया है कि अधिकांश दुकान, गद्दी, ऑफिस, मकान, आवासिक घर कमोबेश ९०% तक मुस्लिम समुदाय द्धारा खरीदा गया है और आज भी यह क्रम जारी है।दो हिंदू आपस में मोल भाव में लगे रहते हैं, वहींं मुस्लिम समुदाय के लोग आपसे आपका बिक्री मूल्य सुन कर जो कि अधिकांशतः हिंदू को बताए मूल्य से अधिक ही होता है वह सौदा को उसी मूल्य पर लेने को राजी हो जाता है और १० से १५ दिनों के अन्दर पूर्ण मूल्य चुका कर वह जगह अपनें कब्जे में ले लेता है। मैने तीन ऐसे खरीददारों से पूछा कि आप क्यों ऊंचे मूल्य पर लेने को तैयार हैं और इतने पैसे कैसे व्यवस्था करेंगे, कयोंकि अभी तो आप फुटपाथ पर छोटी सी दुकान लगाते हैं तो उनका जवाब था उन्हें मस्जिद से आर्थिक सहायता राशि मिलती है वह भी बिना ब्याज के और अगले १० से १५ वर्षो के बीच किस्तों में उन्हें अपने कमाई से धीरे धीरे चुकाना है। अतः उन्हें कोई परेशानी नहीं है और अगर मेरे पास दुकान रहेगी तो धीरे धीरे मेरे समुदाय का अधिपत्य बढ़ता जाएगा और फिर बाजार पर कब्जा जमा कर हम ज्यादा कमाई कर सकेंगे। हावड़ा ब्रिज से ले कर सियालदह स्टेशन तक और उसके ५०० मीटर के करीब की परिसिमा में कोई भी विवादित अथवा अविवादित सम्पत्ति यदि बिक्री पर है तो वे कोई भी हालत में उसे खरीद ले रहे हैं।पूरे महात्मा गांधी रोड पर विगत १५ वर्षो में मेरी जानकारी में १३ होटल या तो नए बने हैं या हस्तांतरित हुए हैं और शत प्रतिशत यह सभी मुस्लिम समुदाय द्धारा खरीदा गया है।
आज की तारीख में कैनिंग स्ट्रीट, जकरिया स्ट्रीट, कोलूटोला स्ट्रीट, सियालदाह स्टेशन के संलग्न इलाके, धरमतल्ला, डलहौसी, चाइना बाजार, न्यू मार्केट, चांदनी मार्केट, ग्रैंड होटल के समक्ष, मैदान मार्केट, नेताजी सुभाष रोड, फ्री स्कूल स्ट्रीट, जानबाजार इलाके जोकि मुख्यतः व्यावसायिक क्षेत्र है वहां जितने भी जगह बिक्री हुई है वह ९०% से ९५ % तक मुस्लिम समुदाय द्धारा खरीदा गया है और धीरे धीरे व्यवसाय में उनका प्रभुत्व बढ़ता जा रहा है। यह सभी इलाके पहले ९०% तक हिंदू समुदाय के द्धारा अधिग्रहित थे। इसके अलावा मुस्लिम बहुल पुराने इलाके तो अब ९९% तक उनके द्धारा ही अधिग्रहित है। और यह सब एक सोची समझी व्यवस्था के हिसाब से किया जा रहा है इसीलिए आज सभी राजनीतिक दल इनके वोट लेने के लिए इन्हें प्रोत्साहित करते हैं और इनकी कारगुजारियां को नजरंदाज कर रहे हैं। और वे इसका फायदा उठाते हुए अपना प्रभुत्व कायम कर रहे हैं और सभी तरह की गैर कानूनी गतिविधियों को निर्बाध रूप से बड़ी संख्या में बिना कोई भय के चला रहे हैं। आज किसे नहीं पता है कि खिदिरपुर इलाके में अधिकांश दुकान स्मगलिंग के सामान को खुले रूप में और वृहद स्तर पर बेच रही है किन्तु पुलिस और प्रशासन इस ओर आंख बंद कर रखा है। आज न्यू मार्केट के एक किलोमीटर के संलग्न इलाके में पिछले १५ वर्षो में ५० से ज्यादा नए अवासिक होटल खुले हैं और शत प्रतिशत यह सभी मुस्लिम समुदाय द्धारा संचालित है और इन सभी के निर्माण में कलकत्ता कॉर्पोरेशन के नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गई है और फिर भी प्रशासन आंख बंद करके रखा है। इस तरह इस कौम की संख्या और गैर कानूनी गतिविधियों का दायरा बढ़ता ही जा रहा है और हम सभी अन्य धर्म वाले मूक दर्शक और धृतराष्ट्र बने हुए हैं और उनका दुस्साहस बढ़ता ही जा रहा है। कलकत्ते का मेयर बीबीसी संवाददाता को मटिया ब्रूज इलाके को मिनी पाकिस्तान कह कर परिचय देता है और वह आज की तारीख में यहां की मुख्यमंत्री का सबसे चहेता, सबसे ज्यादा मालामाल विभाग का मंत्री और हर संकट में संकट मोचक बन कर सामने आता है और आज राज्य में उसकी स्थिति नम्बर दो सबसे शक्तिशाली मंत्री की है।
इन सब परिस्थितियों में मैं कैसे सब समझते बूझते इस कौम पर विश्वास करूं और इनके प्रति हमदर्दी रखूं। मेरे लिए तो यह असंभव है। मैं पितामह भीष्म और धृतराष्ट्र बन कर अपने देश का सर्वनाश नहीं बन सकता हूं