स्टैंडर्ड एंड पूअर्स : मोदी ने भी सोनिया-मनमोहन को कोसा
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैंडर्ड एंड पूअर्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सरकार की जमकर खिल्ली उड़ाई। मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि मजबूत काग्रेस अध्यक्ष और कमजोर व थोपे गए प्रधानमंत्री के कारण देश की आर्थिक साख गिरी है। यूपीए सरकार में विकास दर नौ साल में सबसे कम रही है। काग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार के खराब आर्थिक फैसलों, आर्थिक सुधार के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और सहयोगी दलों के अडंग़े ने देश को हाशिए पर धकेल दिया है। हम एक देश के रूप में कहा जा रहे हैं? अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स [एस एंड पी] इससे पहले अपनी रिपोर्ट में यह कह चुकी है कि भारत की भारत की गिरती आर्थिक साख के लिए काग्रेस जिम्मेदार है। बकौल एजेंसी, पार्टी जहा अंदरूनी मतभेदों से भरी है वहीं संप्रग सरकार का ढाचा ही दोषपूर्ण है। एस एंड पी ने संप्रग सरकार के सियासी ढाचे पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाधी के पास सर्वोच्च अधिकार है, लेकिन वह कैबिनेट में नहीं है। जबकि बिना चुने हुए नियुक्त प्रधानमंत्री के पास राजनीतिक फैसलों के लिए आधार नहीं है। आर्थिक सुधारों पर लगे ब्रेक का जिम्मा सहयोगी दलों के तेवर और विपक्ष के असहयोगी रुख पर थोपती रही सरकार के लिए एजेंसी की यह टिप्पणी बड़ा झटका मानी जा रही है। एस एंड पी ने अपनी इस टिप्पणी से सोमवार को महज क्रेडिट पर नहीं बल्कि भारत की राजनीतिक स्थिति की भी रेटिंग नीचे गिरा दी है। डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहे रुपये और आर्थिक सुधारों पर असमंजस की स्थिति का हवाला देते हुए सोमवार को एस एंड पी ने चेतावनी दी, अब भारत की रेटिंग खतरनाक स्थिति पर जा सकती है। सवाल राजनीतिक मंशा पर उठाया गया है। एजेंसी ने कहा कि सुधार रुकने के लिए विपक्ष या सहयोगी दल नहीं, खुद काग्रेस और सरकार जिम्मेदार है। पार्टी के अंदर ही इसे रोका जा रहा है।
क्या है रिपोर्ट में- संकट में घिरी भारतीय अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने तगड़ा झटका देते हुए चेतावनी दी है कि यदि भारत आर्थिक सुधार नहीं करता और अपनी आर्थिक विकास दर बेहतर नहीं करता तो वह पूंजी निवेश से संबंधी इनवेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग को गंवा सकता है। गौरतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर पिछले नौ साल के सबसे निचले स्तर [5.6 फीसद] पर आ गई है। एजेंसी द्वारा जारी विल इंडिया बी द फस्र्ट ब्रिक फालन एंजिल रिपोर्ट में यह चेतावनी जारी की गई है। अप्रैल में स्टैडर्ड एंड पूअर्स ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को सामान्य से घटाकर निगेटिव कर दिया था।