सेक्टर -18 ज्यों ज्यों शहर की आबादी बढ़ रही है , यहां पार्किंग की समस्या भी बढ़ती जा रही है। इस समस्या के आगे अथॉरिटी भी बेबस दिख रही है। सेक्टर -18 में पार्किंग की समस्या बड़ी है। यहां के लिए कागजों में पिछले 10 साल से मल्टीलेवल कार पार्किंग की प्लानिंग की जा रही है , लेकिन योजना जमीन पर नहीं उतर पा रही है। वहीं इस दौरान यहां गाडिय़ों की संख्या करीब तीन गुना बढ़ी है , जबकि पार्किंग स्पेस सिर्फ 20 पर्सेंट बचा है। मजबूरन लोगों को रोड पर वाहन पार्क करना पड़ रहा है , इससे जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। पार्किंग की समस्या के साइड इफेक्ट्स के रूप में दुकानों की सेल गिरनी शुरू हो गई है। शहर के सबसे पॉश और मिनी कनॉट प्लेस के रूप में फेमस सेक्टर -18 मार्केट के दुकानदारों ने पार्किंग की समस्या का जल्द समाधान करने की मांग की है। मल्टीलेवल कार पार्किंग पर टिकी है नजर[ जारी है ]करीब 10 साल पहले सेक्टर में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए मल्टीलेवल कार पार्किंग की प्लानिंग की गई थी। तब करीब 1.20 लाख वर्ग मीटर एरिया को पार्किंग एवं कमर्शल स्पेस के रूप में डिवेलप करने की योजना थी। कई साल बीतने के साथ पार्किंग स्पेस के लिए रिजर्व रखी गई जमीन बिकती चली गई और अब करीब 20 हजार वर्ग मीटर एरिया पर यहां हाईटेक मल्टीलेवल कार पार्किंग कम कमर्शल स्पेस बनाने के लिए बचा है। बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर स्कीम पर इस पार्किंग को बनाने की योजना अभी तक कागजों तक ही सीमित है। कमर्शल और ऑफिस कॉम्प्लेक्सों की पार्किंग भी बेची कमर्शल सेक्टर में ऑफिस और बिजनेस कॉम्प्लेक्स बनाने के दौरान बेसमेंट को पार्किंग के लिए रिजर्व रखा गया था। इसी आधार पर बने नक्शे को अथॉरिटी की तरफ से अप्रूव किया गया था। यहीं नहीं कॉम्प्लेक्स में बनने वाले हर ऑफिस के हिसाब से एक कार की पार्किंग को ध्यान में रखकर बेसमेंट तैयार किया गया था। अथॉरिटी की जांच नहीं करने के चलते मौजूदा समय में ज्यादातर बेसमेंट की पार्किंग स्पेस का ऑफिस समेत अन्य काम में इस्तेमाल किया जा रहा है।
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