राष्ट्र के प्रति शुभचिंतन और शुद्घ चिंतन व्यक्ति को राष्ट्र के प्रति समर्पित करता है, और उसकी सोच को दलीय भावना से ऊपर सोचने के लिए प्रेरित करता है। यदि व्यक्ति शुद्घ और शुभचिंतन को अपने आचरण में नहीं लाता है तो राष्ट्र में उच्च चिंतन का पतन होने लगता है। यह कहना है उगता भारत के चेयरमैन देवेन्द्र सिंह आर्य का, जो यहां अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सभी आगंतुकों का वाचिक सत्कार कर रहे थे।श्री आर्य ने कहा कि देश में आज अराजकता की स्थिति है लगता नहीं कि देश में कोई नेतृत्व है। निश्चित ही कोई अदृश्य शक्ति देश को चला रही है। असफल और दिग्भ्रमित लोग देश का उपचार कर रहे हैं। जिससे दिन प्रतिदिन देश के सामने समस्याओं का और चुनौतियों का ढेर लगता जा रहा है। पाकिस्तान, चीन, बांगलादेश, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका सहित सभी पड़ोसी राष्ट्र देश की एकता और अखण्डता के शत्रु बने बैठे हैं। यह स्थिति हमारे नेतृत्व की असफल विदेश नीति का परिणाम है। देश के भीतर की स्थिति भी यही है पूरा देश घोटालों की नित उखड़ती हुई नई-नई परतों को देख रहा है। ईमानदार लोग बेईमान होकर देश का शासन चला रहे हैं। श्री आर्य ने कहा कि हमें हिंदू महासभा जैसे प्रखर राष्ट्रवादी दल को आगे बढ़ाना चाहिए। क्योंकि यहां शुद्घ चिंतन और शुभचिंतन की एक विचारधारा है, समय ने सिद्घ कर दिया है कि ऐसी विचारधाराओं की राष्ट्र को आज आवश्यकता है। उन्होंने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि राष्ट्र चिंतक लोगों की इस बैठक का अपने विद्यालय के प्रांगण में होना उनके परिवार के लिए निश्चित ही सौभाग्य की बात है।
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