लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की तेज-तर्रार नेता उमा भारती जहां पूरे जोश के साथ सक्रिय थीं, वहीं सांसद वरुण गांधी ने अपने को प्रचार से अलग कर लिया था, लेकिन निकाय चुनाव में स्थितियां उलट गई है। उमा परिदृश्य से नदारद है, लेकिन वरुण जल्द ही प्रचार अभियान में उतरने वाले है। विधानसभा चुनाव के दौरान उमा भारती के साथ संजय जोशी कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे। लेकिन मुंबई में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संजय जोशी की पार्टी से विदाई हो गई। विधानसभा चुनाव के दौरान उमा और संजय जोशी पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के आंख-कान माने जाते थे। वरिष्ठ राजनीतिक टिप्पणीकारों के अनुसार, राज्य में निकाय चुनाव के दौरान उमा की गैरहाजिरी की वजह संजय जोशी की विदाई भी हो सकती है। शायद संजय जोशी जैसे साथी की कमी उन्हें खल रही है। पार्टी मुख्यालय में उमा के करीबी हालांकि यह दलील दे रहे है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। लेकिन पार्टी के मुखर सांसद वरुण गांधी निकाय चुनाव में पूरे जोर-शोर से प्रचार की तैयारी में है। विधानसभा चुनाव में वरुण हालांकि अपने और अपनी मां के संसदीय क्षेत्र तक ही सीमित रहे थे। वरुण के नजदीकी बताते है कि उन्हे यह डर सता रहा है कि प्रचार में हिस्सा न लेने से कहीं वह एक सामान्य सांसद बनकर न रह जाएं। वर्ष 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भी वरुण अपनी ताकत और क्षमता का अहसास पार्टी नेताओं को कराना चाहते है।
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