जनता दल (यू) के नेता शरद यादव ने अमरीका की टाइम मैगजीन के उस आंकलन पर अफसोस व्यक्त किया है जिसमें कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियां अच्छी नहीं हैं और वह एक फिसड्डी और साये में दुबके इंसान साबित हो गये हैं। श्री यादव ने टाइम मैगजीन के इस आंकलन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इसका अधिकार अमरीकियों को कैसे मिल गया? हम क्या बेवकूफ या बेअक्ल लोग हैं जो अपने देश के बारे में आंकलन नहीं लगा सकते? श्री यादव का यह कथन देशवासियों की भावनाओ के अनुरूप है। हमारा प्रधानमंत्री देश में और विदेश में भारत का गौरव होता है, देश की आवाज होता है। माना कि मनमोहन सिंह एक कमजोर प्रधानमंत्री साबित हुए लेकिन उनकी आलोचना का अधिकार किसी विदेशी मैगजीन को नहीं दिया जा सकता। ऐसे अवसर पर हमें अपने प्रधानमंत्री के साथ खड़ा होना चाहिए। लोकतंत्र की स्वस्थ परंपराओं के लिए तथा राष्टï्रीय एकता के प्रदर्शन के लिए जनता दल नेता की इस टिप्पणी का अनुकरण अन्य नेताओं को भी करना चाहिए। हमें ब्रिटेन के प्रधानमंत्री चैंबरलेन की नीतियों के आलोचक रहे चर्चिल की नीतियों का अनुसरण करना चाहिए। जिन्होंने विदेश में जाकर अपने प्रधानमंत्री की प्रशंसा के पुल बांध दिये थे। जब उनसे यह पूछा गया कि वह ऐसा क्यों कर रहे हैं, तो उनका जवाब था कि घर में ही वह अपने प्रधानमंत्री की नीतियों के आलोचक हो सकते हैं, बाहर नहीं।
भाजपा को भी चाहिए कि वह एक पत्रिका के आंकलन को लेकर मनमोहन सिंह की आलोचना के प्रवाह में न बहे, बल्कि शरद यादव जैसा वक्तव्य देकर अपने राष्टï्रधर्म का पालन करे क्योंकि भाजपा एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका का निर्वाह कर रही है। ऐसे में अमरीका या किसी अन्य देश को यह संदेश कतई भी नहीं जाना चाहिए कि भारतीय किसी बिंदु पर विदेश में हंसी का पात्र बन सकते हैं।
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