मानवता की सेवा करने के लिए ईसाई बनाना आवश्यक नहीं है। गरीब और असहाय लोगों की सेवा करते-करते उनको लालच देकर आर्थिक सहायता करके मतांतरण कराकर इसाई बना दिया गया। भारत के पूर्वोत्तर के सात प्रांत ईसाई बहुल आज इन्हीं मदर टेरेसा की वजह से हैं ।
जी हां मैं उन्ही मदर टेरेसा की बात कर रहा हूं जिन्हें आज हमें से बहुत से साथी श्रद्धांजलि एवं नमन कर रहे हैं। तथा श्रद्धांजलि देने में पीछे नहीं रहना चाहते हैं । इतिहास के झरोखे से झांक लो कि मणिपुर में कुकी और मैती लोगों की समस्या इन्हीं मदर टेरेसा की दी हुई है । जिस मणिपुर समस्या पर कांग्रेस के चमचे शोर मचा रहे हैं।जिसके दुष्परिणाम भारत आज भुगत रहा है। निकट भविष्य में एक अलग देश बनाने की मांग भी की जा सकती है ।भारत का एक विभाजन और तैयार होने की पूरी संभावना है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ने अनेक बार विभाजन की विभीषिका को झेला है। आप एक और विभीषिका झेलने के लिए तैयार रहें।
भारत भी कैसा देश है जहां अपने ही देश को क्षति पहुंचाने वाले मत्तांतरण करने वाले को भी हम आदर और सम्मान प्रदान करते हैं। अतिथि सम्मान करना हमारी सुंदर और स्वस्थ परंपराओं में रहा है परंतु अतिथि के रूप में अपने दुश्मन को ना पहचानना यह हमारी समझदारी नहीं है। कैसी विडंबना है। यह सब कांग्रेस के शासन में फलता फूलता था । कांग्रेस का तत्कालीन नेतृत्व इस बात के लिए उत्तरदाई है। देश को यह बताना चाहिए कि पूर्वोत्तर के सात प्रांत ईसाई बहुल किसके शासन में हुए। मदर टेरेसा को यहां पर गरीब और असहाय लोगों की सेवा के नाम पर ईसाई बनाने का लाइसेंस किसने प्रदान किया था ।क्या गरीब और असहाय लोगों को सेवा करने का सबसे अच्छा तरीका केवल ईसाई बनाना और तब सेवा करना होता है। अगर उनके मस्तिष्क में वास्तव में गरीब और असहाय लोगों की सेवा करना है तो वह किसी भी धर्म और जाति का क्यों ना हो उसकी सेवा निरपेक्ष भाव से होनी चाहिए ।लेकिन यह निरपेक्ष भाव से सेवा नहीं थी बल्कि यह सापेक्ष सेवा थी ।ईसाई धर्म स्वीकार करो । यही नहीं पैसा के बल पर ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए विवश किया जाता था। गरीबों की असहायों की मजबूरी का लाभ उठाया गया था। मदर टेरेसा के प्रति हमारे मानस पटल पर बहुत ही सकारात्मक विचार नहीं होने चाहिए ।बहुत बड़ी क्षति हमें पहुंचाई है ।मैं यह भी जोड़ना चाहूंगा कि केवल सात प्रांत ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष में यह ईसाई मिशनरीज आज भी मत्तांतरण का कार्य मदर टेरेसा से प्रेरणा लेकर के कर रही हैं। इन सब बातों से भारतीय लोगों को सतर्क रहते हुए सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
देवेंद्र सिंह आर्य एडवोकेट चेयरमैन उगता भारत समाचार पत्र।
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