*
दो करोड़ मुस्लिम टीचर बनाने की भी इच्छा अधूरी रह गयी थी
बाबरी विध्वंस को शर्मनाक कहा था, कारगिल युद्ध में सेना को सीमा पार करने से रोका था/ राहुल गांधी को बचाया
आचार्य विष्णु हरि सरस्वती
अटल बिहारी वाजपेयी ने 2004 के लोकसभा चुनावों से पहले दो करोड़ मुस्लिम टीचर बहाल करने की घोषणा की थी। 2004 में हार के बाद वाजपेयी की यह इच्छा पूरी नहीं हुई थी।
बाबरी मस्जिद के विध्वंस को शर्मनाक कहा था। वाजपेयी के इस शर्मनाक का सिर्फ दो ही व्यक्तियों ने अप्रत्यक्ष जवाब दिया था। एक थे बाल ठाकरे और दूसरी थी उमा भारती।
गोधरा कांड और राम कारसेवकों की निर्मम हत्या पर इनका राजधर्म नहीं जागा था पर गुजरात दंगों पर इनका राजधर्म जागा था। वाजपेयी गुजरात दंगों को लेकर इतने गुस्से में थे कि मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा भी नहीं देखना चाहते थे, नरेन्द्र मोदी को बर्खास्त करना चाहते थे।
गोविंदाचार्य को पार्टी से निकलवाया क्योंकि गोविंदाचार्य ने वाजपेई को मुखौटा और सिद्धांत हीन कहा था
कल्याण सिंह भी वाजपेयी के निशाने पर थे। कल्याण सिंह के खिलाफ विद्रोह भी कराया था। इस पर कल्याण सिंह ने वाजपेयी पर अस्वीकार टिप्पणियां की थी।
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों को वाजपेयी ने सीमा पार करने की अनुमति नही दी थी। पांच हजार के करीब भारतीय सैनिक बलिदान हुए थे।
इंडियन एयर लाइंस के नेपाल से अपहरित विमान को अमृतसर हवाई अड्डे पर कंमाडो कार्रवाई रोकी। विमान को आतंकवादी अफगानिस्तान ले गये। कई दूर्दांत आतंकवादियों को छोड़ना पडा था। आतंकवादियों को छोड़ने के लिए तत्कालीन विदेश मंत्री जशवंत सिंह को काबुल जाना पडा था।
सोनिया गांधी के निकटवर्ती और घोर कांग्रेसी ब्रजेश मिश्रा को राष्टीय सुरक्षा सलाहकार बनाया था। बजेश मिश्रा ने ही वाजपेयी सरकार चलायी थी। ब्रजेश मिश्रा ने अमेरिका में राहुल गांधी को बचाया था, जेल जाने से राहुल गांधी बाल-बाल बचा था। सोनिया गांधी ने वाजपेयी सरकार को डूबाने का पुरस्कार दिया था। सोनिया गांधी ने अपनी सरकार के दौरान ब्रजेश मिश्रा का पदम श्री पुरस्कार दिया था।
2004 में वाजपेयी ने भाजपा का दाह संस्कार कर दिया था। अगर कांग्रेस ने फर्जी और प्रत्यारोपित हिन्दू आतंकवाद नहीं लाया होता तो फिर भाजपा और मोदी का उदय ही नहीं होता।
इन सभी तथ्यों को नजरअंदाज या फिर खारिज फर्जी और जातिवादी हिन्दू ही करेगा।
संपर्क
आचार्य विष्णु हरि सरस्वती
नई दिल्ली
Mobile … 9315206123
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।