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मुसलमानों से मंदिर वापस लेने अवरोध के काऱण

मुसलमानों से मंदिर वापस लेने अवरोध के काऱण
सभी जानते हैं की इस समय पूरे भारत में लगभग ऐसे चार हजार मंदिर हैं जिन पर मुस्लिम शासकों ने मस्जिद या दरगाह बनवा दिए थे कुछ तो ऐसे हैं जिन को देख कर सम्मान्य व्यक्ति भी कह सकता है की यह मस्जिद किसी मंदिर को तोड़ कर ही बनाई गयी है और हरेक हिन्दू यही चाहता है कि यह मंदिर मुस्लिमों के कब्जे से मुक्त किये जाएँ , लेकिन हमारी न्याय प्रणाली ऐसी है कि इन मंदिरों को वापस करने में सैकड़ों साल लग जायेंगे हो सकता है तब तक मुस्लिमों की आबादी इतनी बढ़ जाये कि मुस्लिम आज हो मंदिर हैं उन पर भी अपना कब्ज़ा कर लें,हमारे विचार से मुस्लिमों से अपने मंदिर वापस लेने में अवरोध के दो कारण हैं जो इस प्रकार हैं
1 -मुस्लिमों को भारतीय मान लेना
जिस समय राम मंदिर मुक्ति आंदोलन प्रारम्भ हुआ था उसी समय मोहन भागवत जैसे लोग यह कहने लगे की भारत के सभी मुस्लिमों के पूर्वज हिन्दू थे इसलिए उनको भी भारत के संसाधनों और भूमि पर अधिकार है जबकि मुस्लिम खुद को आदम का वंशज मानते हैं जिसे अल्लाह ने जन्नत से निकाल कर अदन में फेक दिया था और मुस्लिमों का दावा है की आदम अदन से भाग कर भारत में घुस गया था इस प्रकार मुस्लिम एक अवैध घुसपैठिया की संतान हैं और जिस तरह से रोहंगियों को भारत में कोई अधिकार नहीं हो सकता है और उनके अवैध निर्माण तोड़ दिए गए उसी तरह मुस्लिमों के बनाये सभी मस्जिद ,मजार , मदरसे इत्यदि अवैध अतिक्रमण माने जाएँ ,सरकार चाहे इनको ध्वस्त कर दे या हिन्दुओं को सौंप दे
2- मुसलमानों से याचना करना
आपको यद् होगा जब राम मंदिर का केस चल रहा था तब कुछ सेकुलर रोग से ग्रस्त लोग हिन्दू शत्रु मुल्लों के आगे यह याचना कर रहे थे की आपके पास हमारे चार हजार मंदिर है आप कृपया हमें केवल तीन मंदिर राम जन्म भूमि , काशी ज्ञान वापी और कृष्ण जन्म भूमि दे दीजिये बाकी आप अपने पास ही रख लीजिये इस तरह इन नपुंसक हिन्दुओं में मुस्लिमों को उन सभी मंदिरों का स्वामी स्वीकार कर लिया जिनको तोड़ कर मुस्लिम हमलावर बादशाहों ने मस्जिद और मजार बना दिए ,ऐसे मुर्ख हिन्दू नेताओं के कारण मुस्लिम खुद को स्वामी और हिन्दुओं को भिखारी समझने लगे अगर हिन्दू मुस्लिमों के एक कानूनी नोटिस देते कि तुम लोगों ने इस सूची में दिए गए इन हिन्दू धर्म स्थानों पर अवैध कब्ज़ा कर रखा है इसलिए तीन महीनों के अंदर हमारे इन धर्मस्थानों को छोड़ कर हिन्दुओं को सौंप दीजिए नहीं तो हिन्दू खुद उन पर कब्ज़ा कर लेंगे और जिसको भी आपत्ति हो वह अदालत से सम्बंधित भूमि या मस्जिद और मजार का स्वामित्व प्राणमित करे नहीं तो मान लिया जायेगा कि यह जगह हिन्दुओं की है जिस पर तुमने अवैध रूप से मस्जिद या मजार बना रखी है ,इसलिए हमारा सुझाव है कि मुस्लिमों से याचना करने की जगह भारत के उन सभी धर्म स्थलों की सूचि बनाये और उनका संक्षिप्त ऐतिहासिक विवरण तैयार कर मुस्लिमों के एक क़ानूनी नोटिस भेजें जो सभी अख़बारों में भी प्रकाशित की जाये इस से अपने मंदिर प्राप्त करने में आसानी होगी
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ब्रजनंदन शर्मा
लेख में व्यक्त किए गए विचार में लेखक के निजी विचार हैं

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