महासम्मेलन के अतिरिक्त लगभग 20 आर्य समाजों के कार्यक्रमों में शामिल हुए भारत के प्रतिनिधि
आर्य सभा मॉरिशस द्वारा चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय आर्य सम्मेलन आयोजित किया गया। 27 जुलाई से 30 जुलाई तक आयोजित इस सम्मेलन में मुख्य विषय “गिरमिटिया देशों में आर्य समाज” रखा गया। इस सम्मेलन का उद्धघाटन मॉरिशस के राष्ट्रपति महामहिम प्रथविराज सिंह रूपन ने आर्य नेता स्वामी आर्यवेश की अध्यक्षता में किया। इस अवसर पर भारत से युवा संन्यासी स्वामी आदित्यवेश, सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के महामंत्री प्रो.विट्ठलराव आर्य, दक्षिण अफ्रीका से स्वामी वेदानंद मुख्य वक्ता रहे। उद्धघाटन कार्यक्रम का संचालन मॉरिशस आर्य सभा के मंत्री विजय रामचरण ने किया। भारत के प्रतिनिधि मंडल ने इस अवसर पर महामिम राष्ट्रपति के सत्यार्थ प्रकाश तथा प्रवासी की आत्मकथा पुस्तक भेंट की। राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि मॉरिशस देश की आजादी से लेकर, सांस्कृतिक उत्थान, सामाजिक विकास तथा आर्थिक विकास में आर्य समाज का विशेष योगदान रहा है। उन्होंने गिरमिटिया देशों से आए सभी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने पूर्वजों के बलिदान से प्रेरणा लेकर मेहनत के रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कभी मजदूर बनाकर लाए गए भारतीयों की संतान आज देश में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति तथा अन्य बड़े पदों पर हैं तो ये सिर्फ हमारे बुजुर्गों की मेहनत के कारण हुआ। आज हम उनको भी अपनी ओर से श्रद्धांजलि देते हैं। स्वामी आर्यवेश ने कहा की आर्य समाज मॉरिशस के कंधों पर प्राचीन वैदिक संस्कृति को अपने आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने की बड़ी जिम्मेदारी है। स्वामी आदित्यवेश ने कहा कि आज मॉरिशस में पूर्वजों के सपने साकार होते देख कर खुशी है। उन्होंने यहां की राजनीति को अपने हाथों में लिया है। अब युवाओं को सांस्कृतिक तथा सामाजिक मूल्यों अपने जीवन में और ज्यादा आत्मसात करने की आवश्यकता है। प्रो.विट्ठल राव आर्य ने कहा कि आर्य समाज वैश्विक मुद्दों पर सामूहिक कार्य करने का अपना कार्यक्रम बना रहा है। आर्य सभा मॉरिशस के प्रधान राजेंद्र प्रसाद ने सभी का आभार प्रकट किया। सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के उप मंत्री तथा भारतीय दल के सदस्य मधुर प्रकाश में बताया की चार दिन तक चले इस कार्यक्रम में भारत, हॉलैंड, सूरीनाम, फिजी, दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों ने भाग लिया तथा पेपर भी पढ़े। विभिन्न भजनोपदेशकों द्वारा भजन प्रस्तुत किए गए। इसी कार्यक्रम में 108 कुंडीय यज्ञ का भी आयोजन किया गया जिसमें देश की उप प्रधानमंत्री श्रीमती लीला देवी लक्ष्मण भी शामिल हुई। उन्होंने कहा की आज पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिग खतरा बताया जा रहा है जबकि आज पूरी धरती ग्लोबल वार्मिग नही बल्कि ग्लोबल बॉयलिंग से प्रभावित है।
संस्कृति मंत्री अविनाश ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं गिरमिटिया की संतान हूं। आज उनके कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए भी हम संकल्पित हैं। मॉरिशस के दूसरे उप प्रधानमंत्री लुईस स्टीवन ओबिगाडू ने कहा कि आर्य समाज का देश के सर्वांगीण विकास में योगदान को कोई नहीं भूला सकता।
आर्य समाज युवाओं के निर्माण के लिए जो भी योजना प्रारंभ करेगा सरकार उसमें भरपूर सहयोग करेगी। उन्होंने इस अवसर पर विदेशों से आए प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। आयोजन सीमित के प्रधान आर्य नेता उदय नारायण गंगू ने सभी का आभार प्रकट किया। आयोजन सीमित के मंत्री राजनारायण गत्ती ने समापन समारोह का संचालन किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि मंडल ने आर्य सभा मॉरिशस के प्रधान राजेंद्र प्रसाद, महामंत्री विजय रामचरण, कोषाध्यक्ष पूनम तिलकधारी, उदयनारायण गंगू, राजनरायण गत्ति को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
सभी प्रतिभागियों को आयोजकों की और से प्रमाण पत्र भेंट किए गए। भारतीय प्रतिनिधि मंडल ने 1834 में भारतीय लोगों को मजदूर बनाकर जिस जगह लाया गया उस अप्रवासी घाट ( वर्ल्ड हेरिटेज) के अतिरिक्त कई आर्य समाजों की भी विजित की। विदित हो कि मॉरिशस में 450 से ज्यादा आर्य समाज की शाखाएं हैं। अपना एक महाविद्यालय है, 3 स्कूल, 6 सेवा संस्थान हैं जिनके माध्यम से कार्य किया जा रहा है।
मॉरिशस में विदेश से आए प्रतिनिधि मंडल को सहभोज करवाया
स्वामी आदित्यवेश ने बताया कि मॉरिशस के राष्ट्रपति महामहिम पृथ्वी राज सिंह रूपन अपनी ओर से प्रतिनिधि मंडल को सहभोज के लिए आमंत्रित किया।
स्वामी आर्यवेश जी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधि मंडल में पूज्य स्वामी पर्णवानन्द सरस्वती, सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री प्रो. विट्ठल राव आर्य, सभा के कोषाध्यक्ष पंडित माया प्रकाश त्यागी जी, युवा संन्यासी स्वामी आदित्यवेश जी, सभा के उप मंत्री श्री मधुर प्रकाश जी, मेजर विजय आर्य जी, आर्य वीर दल राजस्थान के अधिष्ठाता भंवर लाल आर्य जी, आर्य प्रतिनिधि सभा राजस्थान के प्रधान बिरजानंद, मंत्री श्री कमलेश शर्मा जी, सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद पंजाब के प्रधान डॉक्टर नवीन आर्य, डॉक्टर इंद्रजीत शास्त्री, आर्य प्रतिनिधि सभा तेलंगाना आंध्र प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर हरिकृष्ण वेदालंकार, गुरुकुल पौंधा के आचार्य डॉक्टर धनंजय आर्य, रत्न देव शास्त्री, यज्ञदत्त आर्य, श्रीमती सरोज आर्या, ग्वालियर से अशोक आचार्य, रोशनलाला जोधपुर आदि शामिल रहे।।
भारत से गए प्रतिनिधि मंडल की सारी व्यवस्था आचार्य जितेंद्र पुरुषार्थी ने संभाली।।
प्रेषक: मेजर विजय आर्य
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