वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज की रखी मांगों को अमर्यादित और अव्यावहारिक बताया है। श्री चिदंबरम ने कहा है कि सरकार विपक्ष की सभी मांगों को मानने के लिए बाध्य नही है और कोयला ब्लॉक आवंटन में अंतर मंत्रालयी पैनल की रिपोर्ट के आने पर की कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करना लोकतांत्रिक मर्यादाओं के अनुकूल नही है और कोयला ब्लॉक आवंटन में सभी ब्लॉकों के आवंटन रद्द करने की मांग भी अव्यावहारिक है, क्योंकि सभी 142 ब्लॉकों को एक ही श्रेणी में रखा जाना ठीक नही होगा। श्री चिदंबरम ने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन के मामलों में केन्द्रीय जांच ब्यूरो की जांच पहले ही चल रही है इसलिए अलग से जांच की मांग करने का कोई औचित्य नही है।
चिदंबरम के इस कथन से स्पष्टï हो गया कि सरकार विपक्ष के साथ टकराव के मूड़ में है और वह समाधान की तरफ बढऩे को अच्छा नही मान रही है। टकराव की यह डगर देश और देश की जनता के लिए कितनी लोकतांत्रिक या मर्यादित हो सकती है, इसे तो समय ही बताएगा लेकिन सरकार ने जरूर अहसास करा दिया है कि वह भी उसी डगर पर चलना उचित समझती है, जो इस समय देश के लिए कतई भी ठीक नही है।