मानव के अंदर अपार संभावनाएं छिपी हुई हैं। परंतु उचित प्रबंधन के अभाव में उनकी योग्यताओं का सही दोहन नही हो पाता है। परिणाम स्वरूप एक योग्य इंसान का अधिकतर समय बेकार के कामों में व्यतीत हो जाता है। इसी समस्या से निजात पाने के लिए मानव संसाधन को प्रबंधन के विषय में शामिल किया गया है।
प्रबंधन चाहे घर का हो या किसी व्यवसाय या कंपनी का, यह स्वयं में एक बड़ा काम है। लेकिन इस जिम्मेदारी को निभाने वाले कम ही लोग होते हैं। प्रबंधन का काम जितना चुनौतीपूर्ण है, उतना ही सम्मानजनक भी है। नेतृत्व क्षमता और अपनी ऊर्जा का सही इस्तेमाल करने की हसरत रखने वाले युवा मानव संसाधन प्रबंधन को कैरियर के तौर पर अपना सकते हैं।
मानव संसाधन प्रबंधक के अंतर्गत कार्यों को बेहतर तरीके से करने के लिए गुर सिखाए जाते हैं। जिनमें कर्मचारियों की कार्यक्षमता को बनाए रखना, उनमें टीम वर्क की भावना पैदा करना, काम करने का आदर्श माहौल तैयार करना, कंपनी को लाभ की स्थिति में बनाए रखना और कंपनी के बेहतर भविष्य के लिए नये नये अनुसंधान करना शामिल है।
मानव संसाधन प्रबंधन में कैरियर बनाने के इच्छुक अभ्यर्थी को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक होना आवश्यक है। इसके अलावा अभ्यर्थी या तर्कशक्ति परीक्षण अच्छा हेाना चाहिए साथ ही गणित और सामान्य ज्ञान पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए। मानव संसाधन प्रबंधन डिप्लोमा के लिए प्रवेश की प्रक्रिया काफी जटिल है। इसके लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा कैट और मैनेजमेंट प्रवेश परीक्षा मैट के जरिये अभ्यर्थी का चयन होता है। पहले लिखित परीक्षा होती है और इसमें उत्तीर्ण लोगों का तर्कशक्ति सामान्य ज्ञान और निर्णय शक्ति पर केन्द्रित साक्षात्कार होता है। इन सभी में सफल अभ्यर्थी को संस्थान में प्रवेश दिया जाता है।
पाठ्यक्रम में डिप्लोमा अवधि में छात्रों की व्यवहारिकता पर ज्यादा जोर दिया जाता है। इसके लिए छात्रों को सेमिनार, गेस्ट लेक्चर प्रोग्राम, कार्यशाला में ज्यादा से ज्यादा भागीदार बनाया जाता है। सफलता पूर्वक पाठ्यक्रम पूरा करने वाले अभ्यर्थी के लिए सम्मानित एवं उच्च आय वाले रोजगार के दरवाजे खुद व खुद खुल जाते हैं। निजी शिक्षण संस्थानों, कंपनियों, अस्पतालों, सेवा आधारित संस्थाओं में मानव संसाधन प्रबंधन डिप्लोमाधारी के लिए अपार संभावनाएं हैं। रोजगार मिलने के बाद अनुभव बढऩे के साथ साथ अभ्यर्थी की आय भी बढ़ती जाती है।
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