अरविंद केजरीवाल से राहें जुदा होने के बाद अन्ना हजारे को एक और झटका लगा है। लंबे समय से अन्ना के निजी सचिव रहे सुरेश पठारे ने भी उनका साथ छोड़ दिया है। पठारे का कहना है कि उन्होने निजी कारणों से ये फैसला लिया। लेकिन अन्ना के पूर्व ब्लॉगर राजू पारुलेकर का आरोप है कि पठारे ने इस्तीफा दिया नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्हे बाहर निकाला गया है। अन्ना के ही गांव रालेगणसिद्धी के निवासी पठारे सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर के जरिए अन्ना के तमाम संदेश जनता तक पहुंचाते थे लेकिन अचानक शनिवार को देर शाम ट्विटर पर पठारे का एक चौंकाने वाला संदेश आया। पठारे ने इस ट्विट में लिखा की मैने इस्तीफा दे दिया है। कुछ निजी कारणों की वजह से मैंने ये इस्तीफा दिया है। मैं अब अन्ना के साथ काम नही कर सकता। कुछ निजी कारणों से मैने ये निर्णय लिया है। लेकिन जानकारों की मानें तो पठारे के इस्तीफे की असल वजह कुछ और है। दरअसल उन पर लंबे समय से भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगते आ रहे हैं। इनमें सबसे पहला आरोप अहमदनगर जिले के रेत माफिया से रिश्तों को लेकर लगाए गए थे। इन्ही आरोपों के चलते ग्रामसभा ने 22 जनवरी 2009 में सुरेश को सारे पदों से हटाने का आदेश दिया था और तत्कालीन कलेक्टर से पठारे के खिलाफ कारवाई करने की गुजारिश भी की थी।
सुरेश पठारे के खिलाफ एक अंग्रेजी मैगजीन ने भी विस्तार से लिखा। जिसमें पठारे के रेत माफियाओं के साथ संबंधों को उजागर किया गया था। इन संबंधों को लेकर रालेगण सिद्धी के लोगों ने अन्ना से काफी शिकायतें भी की थीं।- भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन के दौरान एक संस्था ने सुरेश पठारे को महंगा आइफोन भेंट मे दे दिया। 30- 35 हजार की कीमत वाला ये आइफोन देने के पीछे की वजह अब तक सामने नहीं आई।पठारे के बर्ताव की वजह से एक दौर में अन्ना के ब्लॉग लिखनेवाले राजू परूलेकर भी उनसे दूर हो गए थे। अन्ना की संस्था भ्रष्टाचार विरोधी न्यास के पदाधिकारियों से भी पठारे के संबंध बिगड़ गए थे। ये तमाम शिकायतें अन्ना तक पहुंच रही थीं और पठारे और अन्ना की दूरियां बढ़ती गईं।सुरेश पर लगने वाले आरोपों की वजह से अन्ना इससे पहले भी सुरेश पठारे को अपने से दूर कर चुके हैं। लेकिन बाद में दोनों के बीच के समझौता हो गया और अन्ना ने सुरेश को वापस अपने पास बुला लिया। लेकिन अब परिस्थितियां बदलती नजर आने लगी हैं, सुरेश के खिलाफ शिकायतों की सूची बढऩे लगी है। माना जा रहा है कि अन्ना ने इस सिलसिले में उनसे पूछताछ की होगी और फिर पठारे को मजबूरन इस्तीफे का फैसला लेना पड़ा होगा।अरविंद केजरीवाल से दूरी बढऩे के बाद अन्ना भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की फिर एक बार शुरुआत करने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे मे उनके करीबियों पर ही ऐसे आरोप लगना उनके लिए अच्छी बात नही है। शायद यही वजह है की अन्ना ने भी सुरेश पठारे को दूर रखने का मन बना लिया है।