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कविता

कुंडलियां … 40 धान खेत में रोपना……

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धन रखन और दान से, होता है अभिमान।
बोले मुनि सुनो मैत्रेयी ! रखना इतना ध्यान।।
रखना इतना ध्यान, धन से ना अमृत मिलता।
धन से ना ज्ञान मिलै, ना ही ईश्वर मिलता।।
बहुत किए प्रयास जगत में,कितने किए जतन।
सत्यानंद के आगे , व्यर्थ लगा ये भौतिक धन।।

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धान खेत में रोपना, किसान का उत्तम काम।
एक ओर से ला रहा , दूजी ओर आधान।।
दूजी ओर आधान , यही है नियम जगत का।
संसार से उठा मन को, प्रभु चरणों में पटका।।
कपाट लगाकर घर के , तभी लगाओ ध्यान।
ठीक करो तैयार खेत को, तभी लगाओ धान।।

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खेत बीज का मेल है, ऋतु का है सहवास।
सही समय सब होत है, बात करो विश्वास।।
बात करो विश्वास, समय की करो साधना।
धैर्य ह्रदय में धार लो, पूर्ण हों सब कामना।।
कम गम को खाते चलो,ना हो किसी से हेत।
धैर्य जिसका भंग है, उजड़ता उसका खेत।।

दिनांक 13 : जुलाई 2023

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