भारत के सभी धर्मों में ईश्वर का साक्षात्कर या ईश्वर का दर्शन करना अत्यंत कठिन और दुर्लभ माना जाता है .ऐसी मान्यता है कि लाखों व्यक्तिओं में किसी एक महापुरुष या संत को ईश्वर का दर्शन करने का सौभाग्य मिलता है . क्योंकि इसके लिए बरसों तक कठिन तपस्या , व्रत , और निष्ठा पूर्वक ईश्वर की उपासना करना पड़ती है .और सदा जीव मात्र के कल्याण के लिए अपना तन मन धन समर्पित करना पड़ता है . जो हरेक के लिए संम्भव नहीं है ,
दूसरी तरफ इस्लामी मान्यताएं है , जो भारतीय धर्मों से बिलकुल विपरीत हैं . जो तर्कहीन , और हास्यास्पद हैं , और मुल्ले मौलवी इस बात को सामान्य मुसलमानों से छुपाते रहते हैं , वह केवल नमाज और जिहाद को ही अल्लाह का दीदार करने का उपाय बताते हैं ,और मुसलमानों को गुमराह करने के लिए कभी अल्लाह को निराकार और कभी साकार बताते रहते हैं ,जैसे कभी कहते हैं कि रसूल बुराक नामके जानवर पर बैठ कर अल्लाह से मिलने जन्नत गए थे . और अल्लाह से आमने सामने बात भी की थी ,लेकिन प्रश्न यह उठता है कि दुसरे मुसलमानों से क्यों छुपता रहता है ,चाहे वह जकारिया नायक जैसा इस्लाम का प्रचारक क्यों नहीं हो . बहुत कम लोगों को पता होगा कि बहुत पहले ही अल्लाह के रसूल ने अल्लाह का दर्शन करने के लिए अटपटा और आसान रास्ता बता दिया था ,इस लेख में हदीसों के आधार पर अल्लाह का दीदार करने की तरकीब दी जा रही है ,
1-दर्शन से रोक
यदि कुरान की बात को माना जाये तो कोई सामान्य मुसलमान अल्लाह का दर्शन नहीं कर सकता है , शायद अल्लाह को अपना दर्शन दिखाना पसंद नहीं हो . इसलिए उसने कुरान में यह कह दिया होगा ,
“और इन सब लोगों को रब के दर्शन से रोक लिया गया है “सूरा -अल ततफ़ीफ़ 83:15
2-अल्लाह की बहानेबाजी
ऐसा प्रतीत होता है कि अल्लाह की शक्ल या तो भयानक होगी या वह निहायत बदसूरत था , इसलिए जब भी मूसा ने उसे देखना चाह तो वह पहाड़ी के पीछे छुप गया .और बहाना बनाया कि तुम मेरी जगह पहाड़ी को देख लो ,यह बात कुरान के कही गयी है ,
“जब मूसा ने अल्लाह से कहा कि मैं तुझे देख लूँ ,तो अल्लाह ने कहा तू मुझे नहीं देख सकता .हाँ उस पहाड़ को देख ( जिसके पीछे मैं छुपा हुआ हूँ )
सूरा -अल आराफ 7:143
3-अल्लाह को परदा पसंद है
मुस्लिम औरतों को यह बात जानकर ख़ुशी होगी कि जो अल्लाह उनको परदे में रहने का हुक्म देता रहता है , वह खुद भी परदे की आड़ लेकर लोगों से बातें करता है . इसीलिए मुसलमान उसके दर्शन नहीं कर पाते ,देखिये कुरान में क्या कहा है
“ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है ,जो अल्लाह को देख सके ,या उस से आमने सामने बात कर सके .लेकिन यह संभव है कि कोई परदे की आड़ से अल्लाह से बात कर सके
‘सूरा -अश शूरा 42:51
4-जन्नत काफी दूर है
हदीसों के अनुसार अल्लाह से मिलने और उसके दर्शन करने में सबसे बड़ी समस्या यह है कि मक्का मदीना से जन्नत काफी दूर है , और वहां सिर्फ ऊँटों से ही जाया जा सकता है ,
अबू हुरैरा ने कहा कि रसूल ने बताया है ,जन्नत एक पेड़ के की छाया के नीचे है ,और वहां पंहुचने के लिए एक ऊंट सवार को सौ साल लग जायेंगे ”
( In Paradise, there is a tree under the shadow of which a rider can travel for a hundred years”
https://sunnah.com/muslim:2826a
Reference : Sahih Muslim 2826a
In-book reference : Book 53, Hadith 7
USC-MSA web (English) reference : Book 40, Hadith 6784
सही मुस्लिम – किताब 40 हदीस 6784
(शायद अल्लाह ने ऊंट की सवारी इसलिए पसंद होगी कि उसे डर होगा यदि कोई रोकेट या हवाई जहाज से जन्नत जाने की कोशिश करेगा तो अमरीकी और इस्राइली उसे मिसाइल से गिरा सकते हैं )
5-अल्लाह दर्शन की अश्लील शर्त
अल्लाह के रसूल में मुसलमानों के लिए अल्लाह का दर्शन करने की कुछ आसान तरकीबें बता दी है , भले दुसरे धर्म के लोग इन्हें अश्लील बताते रहें ,लेकिन हमें विश्वास है कि हरेक ईमान वाला परिवार सहित इस तरकीब पर जरुर अमल करेगा ,क्योंकि यह प्यारे रसूल के वचन है , उन्हीं ने कहा है ,
इब्न अब्बास ने कहा कि रसूल ने खुतबे के दौरान कहा है ,कि जो लोग नंगे पैर ,पूरी तरह नग्न और खतना रहित होंगे वही अल्लाह से मिल सकेंगे . और उसका दर्शन कर सकेंगे ”
( they would meet Allah barefooted, naked and uncircumcised. )
حَدَّثَنَا أَبُو بَكْرِ بْنُ أَبِي شَيْبَةَ، وَزُهَيْرُ بْنُ حَرْبٍ، وَإِسْحَاقُ بْنُ إِبْرَاهِيمَ، وَابْنُ أَبِي، عُمَرَ قَالَ إِسْحَاقُ أَخْبَرَنَا وَقَالَ الآخَرُونَ، حَدَّثَنَا سُفْيَانُ بْنُ عُيَيْنَةَ، عَنْ عَمْرٍو، عَنْ سَعِيدِ، بْنِ جُبَيْرٍ عَنِ ابْنِ عَبَّاسٍ، سَمِعَ النَّبِيَّ صلى الله عليه وسلم يَخْطُبُ وَهُوَ يَقُولُ ” إِنَّكُمْ مُلاَقُو اللَّهِ مُشَاةً حُفَاةً عُرَاةً غُرْلاً ” . وَلَمْ يَذْكُرْ زُهَيْرٌ فِي حَدِيثِهِ يَخْطُبُ . ”
” إِنَّكُمْ مُلاَقُو اللَّهِ مُشَاةً حُفَاةً عُرَاةً غُرْلاً “\
https://sunnah.com/muslim:2860a
Reference: Sahih Muslim 2860a
In-book reference : Book 53, Hadith 69
USC-MSA web (English) reference : Book 40, Hadith 6846
सही मुस्लिम -किताब 40 हदीस 6846
(वाह रे हमारे रसूल धन्य है आपकी बुद्धि , हम मानते हैं कि अल्लाह का दर्शन करने के लिए अगर सभी मुसलमान नंगे भी हो जायेंगे तो बिना खतना वाले लोग जन्नत कैसे जायेगे ? क्योंकि लिंग की चमड़ी तो बचपन में ही कटवा दी जाती है , क्या जन्नत जाते समय वह फिर से उग जाएगी ? या अल्लाह का दर्शन काफ़िर लोग करेंगे ?)
6-अल्लाह का प्राणलेवा दर्शन
जो मुसलमान खुद को अल्लाह का असली बंदा साबित करने के लिए जिहादी बन जाते हैं , और सोचते हैं कि ऐसा करने से उनको अल्लाह का दीदार हो जायेगा , शायद उन्हें पता नहीं होगा कि अल्लाह का दर्शन होते ही वह खुद मर जायेगे ,यह बात खुद रसूल ने बताई है ,ठीक से पढ़ लीजिये ,
अब्दुल्लाह इब्न उमर ने कहा कि रसूल ने उमर खत्ताब और इब्न सय्यद की मौजूदगी में लोगों से कहा ‘ तुम लोग गवाह हो कि मैं अल्लाह का रसूल हूँ ,और तुम लोग इस बात को अच्छी तरह से अपने दिमागों में रख लो .कि जब तक कोई भी व्यक्ति नहीं मरता तब तक वह अल्लाह को को नहीं देख सकता ,
“Bear this thing in mind that none amongst you would be able to see Allah, the Exalted and Glorious, until he dies.
عَلَّمُوا أَنَّهُ لَنْ يَرَى أَحَدٌ مِنْكُمْ رَبَّهُ عَزَّ وَجَلَّ حَتَّى يَمُوتَ ” ”
सही मुस्लिम -किताब 41 हदीस 7000
इतनी ख़ुफ़िया जानकारी मिलने के बाद मुसलमानों को चाहिये कि वह अभी से हदीस का पालन करते हुए नागा साधुओं में शामिल हो जाये , और हमारी दुआ है कि उनको जल्द ही अल्लाह के दर्शन हो जाएँ , और वही हो जाये जो आखिरी हदीस में बताया गया है
“आमीन सुम्मा आमीन ”
(200/86)
ब्रजनंदन शर्मा
(लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)