मोदी का भारत का प्रधानमंत्री बनना कांग्रेस से ज्यादा पकिस्तान को भारी पडने वाला है, क्योंकि आतंकवादी देश होने के कारण पाकिस्तान मोदी के सीधे निशाने पर होगा और भारत पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को तार तार कर सकता है। पाकिस्तान मोदी को ब्लैकमेल नहीं कर पायेगा क्योंकि मोदी का कोई स्विस बैंक खाता नहीं है। पाकिस्तान के दूसरे नम्बर के दुश्मन डॉ.सुब्रहमण्यम स्वामी की मोदी से गहरी दोस्ती है और जाने माने अर्थशात्री होने के कारण स्वामी को मालूम है कि पकिस्तान की कौन सी नस दबानी है। डॉ.स्वामी का नेटवर्क और राजनैतिक कौशल कांग्रेस के साथ साथ भारत के दुश्मन देशों को भी भारी पडेगा। बाबा रामदेव सहित सभी राष्ट्रवादी शक्तियां मोदी के पीछे खड़ी हैं जो भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए मोदी का साथ देंगी। भारत स्वाभिमान के हर ऐजंडे में महान सनातनी धर्म का सार छुपा है जो भारत को विश्वगुरु बनाने का मंत्र है। इसमे योग, आयुर्वेद, गो रक्षा, कृषि, जल संरक्षण, पापियों का नाश, शराब बंदी, स्वदेशी उत्पादन, स्वदेश प्रेम, राष्ट्रभाषा बहुत सारे पहलू हैं जिस पर काम होगा, भारत के वास्तविक इतिहास का ज्ञान होने पर हमारा स्वाभिमान खुद ही भारत को विश्व शक्ति बना देगा, हिन्दुओं को दुर्दशा से बचाने के लिए किये जाने वाले हर काम में पाकिस्तान की असली दुर्दशा छुपी हुई है, जैसे कश्मीर से हिन्दुओं के पलायन के पीछे पाकिस्तान का हाथ है जिसे भारत की सेना पूर्व स्थिति में लायेगी, जिसका असर पाकिस्तान पर अवश्य होगा। भारत की शक्ति का एहसास स्वयं भारतीयों को ही नहीं है लेकिन मोदी को भारत की ताकत का एहसास है जिसका प्रयोग सिंध और बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग होने के लिए भी किया जा सकता है.
अमेरिका की चाहत है कि बलूच पाकिस्तान से अलग हो जाये और वहां पर भारत का वर्चस्व बढे। अमेरिका पाकिस्तान को कभी भी अपने पंजे से बाहर नहीं जाने देगा क्योकि इस्लाम का खूंखार चेहरा अमेरिका अब देखने लगा है। भारत के पास वो शक्ति है जो किसी भी देश के पास नहीं है लेकिन नेतृत्व नहीं है, मोदी के सामने आने से भारत एक ही दिशा में जायेगा- विश्व शक्ति बनने की दिशा में।
मोदी की अगुआई वाले भारत की तुलना आज के पाकिस्तान से करना मजाक वाली बात होगी परन्तु आज स्थिति ये है कि 122 करोड़ की जनसंख्या वाला देश भारत 38 करोड़ जनसँख्या वाले देश अमेरिका से कहता है कि 15 करोड जनसंख्या वाले इस्लामिक पाकिस्तान को हम पर आतंकवादी हमला करने से रोको…….यही है वह दुर्दशा जो 14 लाख सेना रखने वाले भारत देश का जिसकी कमान देश द्रोही लोगों के हाथ में है। इसलिए भारत की कमान मोदी के हाथो जाते देख सबसे ज्यादा पाकिस्तान परेशान है, और वह हर कदम पर कांग्रेस को मजबूत करने की फिराक में है तथा सबसे खराब स्थिति में छद्म सेकुलरों का साथ देगा जो छुपे रूप में हिंदुत्व विरोधी ही हैं. मोदी की नजर विश्व के ईसाई पहलू पर भी है..अगर मोदी के हाथ में सत्ता आती है अगले दो दशक हिंदू विस्तार के काल हो सकते है क्योकि पूरे विश्व में हिंदुत्व की स्वीकार्यता बहुत तेजी से बढ़ रही है सिर्फ इसे सही तरीके से पेश करने की आवश्यकता है।
(महान देशभारत)