आखिर क्या इरादे हो सकते हैं सीमा हैदर के?

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बरखा त्रेहन

फर्राटेदार अंग्रेजी, बोलते समय कोई हिचकिचाहट नहीं, धाराप्रवाह हिंदी एवं एक रटी रटाई स्क्रिप्ट जैसे प्यार की कहानी आदि, और भारत का मीडिया, ऐसा लग रहा है जैसे कोई फिल्म चल रही हो और लोग उसे देख रहे हों। मगर यह फिल्म नहीं है, यह सत्यता है और भारत की मीडिया तो जैसे अनियंत्रित ही हो गयी है, उन मूलभूत प्रश्नों पर बहस नहीं हो रही है, जिनपर होनी चाहिए कि कैसे इतनी आसानी से कोई पाकिस्तानी देश में प्रवेश कर सकता है?

इन बातों पर प्रश्न नहीं हो रहे कि भारत और पाकिस्तान दोनों की ही सुरक्षा एजेंसी क्या इतनी बेकार हो गयी हैं कि जांच भी नहीं की जा रही है। और सबसे बढ़कर कि क्या हम इशरत जहाँ को भूल गए हैं, जो वर्तमान प्रधानमंत्री की हत्या के लिए लश्कर ऐ तैयबा की ओर से भेजी गयी थी। जिसका एनकाउंटर कर दिया गया था। हालांकि उसे लेकर भी बहुत बवाल होते रहे और उसे तो बिहार की बेटी तक बता दिया गया था।

सीमा हैदर के पास से कई आपत्तिजनक वस्तुएं मिली हैं। ऐसे में आशंका यह भी उठती है कि कहीं यह भी जो प्लांट की गयी जासूस नहीं है, जो नरेंद्र मोदी को नुक्सान पहुंचाने और भारत के गोपनीय रहस्य जानने के लिए आई हो? मीडिया के अनुसार सीमा हैदर के पास से 3 फर्जी आधार कार्ड और 6 पासपोर्ट मिले हैं। इतना ही नहीं सीमा के आधारकार्ड में एडिट करके सचिन का नाम जोड़ा गया था। सीमा के पास से चार मोबाइल और एक पाकिस्तानी सिम मिला है। यह सब संदेह व्यक्त करने के लिए पर्याप्त है और उसकी चैट भी डिलीट की गयी है। इससे भी संदेह बढ़ता है, परन्तु कुछ लोगों को छोड़कर मीडिया इस विषय में बात करना पसंद नहीं कर रहा है। वह केवल प्रेम की कहानी तक ही सीमित रखे है। परन्तु यह प्रेम कैसे हो सकता है जिसमें वह अपने शौहर को छोड़ ही नहीं आई है बल्कि उसके बच्चे भी ले आई है।

क्या उसके बच्चों पर उसके शौहर का कोई अधिकार नहीं था? यह भी प्रश्न उठाया जाना चाहिए कि क्या जो उसने कथित रूप से मकान बेचा था, वह किसने दिलाया था? क्या शौहर के दिलाए मकान को अपने इस कथित प्यार के लिए बेचा जा सकता है? क्या यह उस शौहर के साथ अन्याय नहीं है जो मुल्क से दूर धन कमाने के लिए गया हुआ है? और सबसे बढ़कर जो प्रश्न उठता है वह यह कि भारत में तो पब्जी प्रतिबंधित है, तो फिर यह प्रेम पब्जी पर हो कैसे गया?

यह मामला मियां बीवी की परस्पर वफादारी से बढ़कर देश की सुरक्षा का है, हमारे प्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का है। क्योंकि ऐसा ही एक और मामला पहले भी हुआ था, जिसमें इकरा नामक लड़की जिसे लूडो खेलते समय अखिलेश से प्यार हुआ था और वह भी नेपाल के रस्ते भारत में आई थी। वह दोनों बंगलुरु में रह रहे थे, मगर एक दिन जब वह अपने अब्बा से पाकिस्तान में बात कर रही थी तो वह राडार पर आ गयी थी और फिर उसे न्यायालय द्वारा वापस भेज दिया गया था।

क़ानून भावनाओं पर नहीं चलता और न ही कथित प्यार का विमर्श क़ानून पर हावी होना चाहिए। उचित प्रश्न उठाने चाहिए कि आखिर कैसे एक मार्ग इतना सुरक्षित हो सकता है कि वहां से कोई भी भारत में प्रवेश कर लेता है और रहने लगता है और जहां एक ओर मीडिया सीमा का इतना दीवाना है, वही मीडिया पाकिस्तान से आए हिन्दुओं पर बात करने से कतराता है और यही मीडिया भारत की और से रास्ता भटक कर पाकिस्तान गए और वहां की जेलों में बंद भारतीयों के विषय में कुछ नहीं बोलता!

भारत के सैकड़ों बेटे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं, किसी न किसी आरोप के चलते, मगर हर ओर सन्नाटा है! उन पर बात नहीं होती, पाकिस्तान से आए हिन्दुओं की स्थिति पर बात नहीं होती, बात हो रही है तो शौहर को छोड़कर आई और उसके चार बच्चे लेकर आई सीमा पर? यह किस मोड़ पर हम आकर बैठ गए हैं?
यह भी देखना बहुत हृदयविदारक है कि इस सीमा के चलते सीमा पार हिन्दुओं पर हमला किए जाने की धमकी दी जा रही है, हिन्दुओं की बहन बेटियों को उठाने की धमकी वहां के कट्टरपंथी गिरोह दे रहे हैं!

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