बच्चों के बालों को चमकीला और खूबसूरत बनाने के लिए शैंपू का प्रयोग खतरनाक हो सकता है। वैज्ञानिक अध्ययनों में यह बात कही गई है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिगटन में हुए एक शोध के मुताबिक, शैंपू और पाउडर को खुशबूदार बनाने के लिए उसमें थॉल-एट्स नामक रसायन मिलाया जाता हैं। यह लड़कों में प्रजनन संबंधी विकृतियों और लड़कियों में जल्द युवावस्था का कारण बनता है।
शोध के दौरान जिन बच्चों के बालों को शैंपू किया गया था, उनके मूत्र में इस रसायन की खतरनाक मात्रा दर्ज हुई थी।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जूही सिंघल कहती हैं, बच्चों के सिर की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। वयस्कों का साबुन बच्चों को लगा देने पर उनके सिर पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। ऐसे में बालों को शैंपू करने से उनकी सिर की त्वचा को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
डॉ. जूही ने बताया, हर्बल उत्पादों में भी थोड़ी मात्रा में रसायन मौजूद होते हैं। यह बच्चों की संवेदनशीलता को देखते हुए नुकसान दायक हैं। बच्चों के बाल साफ पानी से धोने से भी साफ हो जाते हैं।
सौन्दर्य विशेषज्ञ भी वयस्कों के बालों की खूबसूरती के लिए दही, शहद और मुल्तानी मिट्टी के उपयोग पर जोर देते हैं। सौंदर्य विशेषज्ञ रूमा कोहली के मुताबिक, अगर आपके बाल तैलीय नहीं हैं, तो आप आधे घटे पहले बालों में दही लगा कर छोड़ दें। फिर साफ पानी से धो लें। तैलीय बालों के लिए मुल्तानी मिट्टी बेहतर विकल्प है।
उन्होंने कंडीशनर के इस्तेमाल को भी बालों के लिए नुकसानदायक बताया। उन्होंने बताया कि कंडीशनर के बजाए आधी बाल्टी पानी में दो छोटा चम्मच शहद डालकर धोने से वही असर दिखाई देगा, जो कंडीशनर से दिखता है।