नई दिल्ली। भाजपा ने 600 रुपये प्रति माह में पांच लोगों के परिवार की दाल-चावल-आटे की जरूरत पूरी होने के बयान पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की जमकर खिंचाई की है। हालांकि, शीला ने कहा है कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है और जो योजना की आलोचना कर रहे हैं, वे पूरी अवधारणा को सही तरीके से समझ नहीं पा रहे हैं। दिल्ली अन्नश्री योजना शुरू करते समय दिए शीला दीक्षित के बयान पर भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, महंगाई के बाद यह गरीबों के मुंह पर एक और तमाचे जैसा बयान है। उन्होंने इसे गरीबों के साथ भद्दा मजाक करार दिया। भाजपा नेता विजय गोयल ने कहा कि शीला कभी झुग्गी बस्ती, अनधिकृत कॉलोनी या गांवों में नहीं जातीं। इसीलिए एक महिला होते हुए भी उन्हें दाल-आटे के मौजूदा भाव की जानकारी नहीं है। चुनाव से पहले इस योजना को लाने का मकसद मतदाताओं को लुभाना है। उन्होंने सरकार की नकद हस्तांतरण योजना के तहत लोगों की पहचान करने के मानकों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना को भी मतदाताओं को लुभाने के लिए पेश किया गया है। उन्होंने कहा, यह कैसे संभव है कि पांच लोगों का परिवार महज 600 रुपये में दाल, चावल व गेहूं खरीदकर गुजर कर सकता है। सरकार को राशन की जगह 600 रुपये प्रतिमाह देना सस्ता पड़ता है। इसलिए गरीबों को राहत नहीं, उनकी मुसीबत व बजट बढ़ा दिया गया है। उन्होंने इसे झूठी योजना करार देते हुए इसका पर्दाफाश करने के लिए गरीबों के बीच जन जागरण अभियान चलाने का एलान किया है। वरिष्ठ भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने भी इसे चुनावी कलाबाजी बताया। भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने इसे ऐतिहासिक योजना करार दिया। उन्होंने कहा, भाजपा समझ नहीं पा रही कि ये 600 रुपये सीधे गरीब की जेब में जाएंगे।
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