नई दिल्ली। विशिष्ट पहचान कार्ड आधार की मदद से नकद सब्सिडी हस्तांतरण की शुरुआत करते हुए दिल्ली सरकार ने शनिवार को जरूरतमंद परिवारों को प्रतिमाह छह सौ रुपये बांटने की योजना की शुरुआत की। अन्नश्री योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले ऐसे लोग जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, वे बाजार मूल्य पर राशन खरीदेंगे और खाद्य सब्सिडी सीधे उनके खाते में डाल दी जाएगी। इस तरह दिल्ली देश का पहला राज्य बन गया जहां आधार कार्ड के माध्यम से नकद सब्सिडी सीधे लाभार्थी के खाते में भेजी जा रही है। यह वित्तीय सहायता एक अप्रैल से जारी की गई है। शनिवार को पहले चरण के तहत चिन्हित जरूरतमंद परिवारों की महिला मुखिया को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक साथ आठ महीने का बकाया 4800 रुपये उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किये। साथ ही बैंक पासबुक और अन्नश्री प्रमाण पत्र प्रदान किया। त्यागराज स्टेडियम में दिल्ली सरकार की इस महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा योजना का शुभारंभ करते हुए सोनिया गांधी ने अन्नश्री योजना को आधार से जोडऩे के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री को बधाई दी। सोनिया गांधी ने साफ कहा कि अन्नश्री योजना पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) का विकल्प नहीं है, बल्कि पीडीएस के तहत खाद्य सुरक्षा के प्रयासों का विस्तार है, ताकि अन्नश्री के लाभार्थी समय-समय पर अपनी जरूरत के अनुसार खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीद सकेंगे। सोनिया गांधी ने दिल्ली सरकार द्वारा पहले से चलाई जा रही जन आहार, आपकी रसोई और अन्य सामाजिक योजनाओं की सराहना की। इस मौके पर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार एक जनवरी 2013 से आधार से जुड़े सीधे नकद स्थानांतरण के जरिये वजीफा, पेंशन, मनरेगा जैसी कई योजनाओं का लाभ देना शुरू करेगी। इससे सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि शुरुआत में 51 जिलों में नकद स्थानांतरण के जरिये 32 योजनाएं लागू की जा रही है। वहीं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने बताया कि योजना की शुरुआत इस साल अप्रैल माह में ही होनी थी। कुछ तकनीकी कारणों से देरी हुई, किंतु वित्तीय सहायता एक अप्रैल से ही चिन्हित दिल्ली के दो लाख लाभार्थियों को दी जा रही है। इस मद के लिए दिल्ली सरकार ने प्रतिवर्ष 200 करोड़ रुपये फंड का प्रावधान किया है। योजना का लाभ घनी बस्तियों और पुनर्वास कॉलोनियों तथा झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले उन जरूरतमंद परिवारों के लिए है, जो पीडीएस के दायरे से बाहर हैं। मुख्यमंत्री दीक्षित ने कहा कि यह एक खाद्य सुरक्षा योजना है। इसे राजनीति से नहीं बल्कि सामाजिक सरोकार से जोड़कर लोगों को देखना चाहिए।
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