क्या इस्लाम तेज़ी से बढ़ रहा है या तेज़ी से खत्म हो रहा है?
क्या इस्लाम तेज़ी से बढ़ रहा है या तेज़ी से खत्म हो रहा है?
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नमस्ते मित्रों! आज हम बहुत ही महत्वपूर्ण विषय लेकर आपके सामने आये हैं और ये जानकारी बिना किसी आधार पर नहीं बल्की प्रमाणों को एकत्रित करके दी जा रही है। हमारे बहुत से मुसलमान ये शेखी बगारते हैं कि इस्लाम दुनिया में सबसे तेज़ी से फैलने वाला मज़हब है। इसके लिये मुसलमान अपने झूठे इस्लामी मीडिया का सहारा लेकर यदा कदा ये प्रचारित करते रहते हैं कि “अमुक वैज्ञानिक ने इस्लाम कबूल लिया, अमुक अभिनेता या अभिनेत्री ने इस्लाम कबूल लिया” हालांकि इनमें कुछ सच भी होता है लेकिन झूठ ज्यादा होता है। तो प्रस्तुत है कुछ प्रमाण जिनके आधार पर आप भी कह उठेंगे कि इस्लाम तेज़ी से बढ़ने वाला नहीं बल्की तेज़ी से खत्म होने वाला मज़हब है। हमारे कुछ मुसलमानो को ये जानकारीयाँ पसंद नहीं आयेंगी हो सकता है कुछ का बीपी बढ़े या हार्ट अटैक आ जाए। तो ये नीचे लिखे कुछ प्रमाण हैं:-
(१) अफ्रीका में ६० लाख लोग हर साल इस्लाम छोड़ रहे हैं :- https://www.youtube.com/watch?v=MWgLI4LpSzI
(२) इंडोनेशिया में हर साल २० लाख लोग इस्लाम छोड़ रहे हैं :- https://youtu.be/KITAYQ3gvBc
(३) युरोप में ५२ लाख लोगों को इस्लाम छुड़वाकर नागरिकता दी गई :- https://www.telegraphindia.com/india/why-are-young-muslims-leaving-islam/cid/1704203
(४) जर्मनी में हज़ारों की संख्या में मुसलमान रिफ्यूजी इस्लाम छोड़कर ईयाई बन रहे हैं :- http://www.dailymail.co.uk/news/article-3225014/How-Muslim-migrants-converting-Christianity-Germany-hundreds-boost-chances-winning-asylum.html
(५) पाकिस्तान में २००१ से लेकर २०१६ तक अब तक १७ लाख उर्दू बोलने वाले मुहाज़िरों को पश्तूनों ने मार डाला है :- https://en.wikipedia.org/wiki/Muhajir_(Pakistan)
समीक्षा:- ऐसे ही और कई प्रमाण हैं जिनसे इस्लाम के तेज़ी से खत्म होने की पुष्टि होती है। इसे आप यूँ समझें:- मान लो एक मुसलमान २० बच्चे पैदा करता है तो उसमें से १० इस्लाम छोड़ देते हैं, ५ जिहाद में मारे जाते हैं और बाकी बचे ५ में से ३ ही इस्लाम में टिक कर सामान्य ज़िन्दगी जी पा रहे हैं। इस्लाम तब तक टिका है जबतक गल्फ अरबी देशों की रेत में तेल है और ये तेल २५ साल तक और चल पायेगा। बाद में वैज्ञानिक सोलर ऐनर्जी का विकल्प ढूंढने में लगे हैं। अंत में एक बात कहेंगे मुसलमान मित्रों! जो चीज़ जितनी तेज़ी से बढ़ती है वो उतनी ही तेज़ी से समाप्त भी होती है। और जो बढ़ रहा है वो ज़रूरी नहीं कि सही ही हो क्योंकि अच्छाई के मुकाबले बुराई तेज़ी से बढ़ती है “कहते हैं अच्छाई एक कोस की तो बुराई सौ कोस की”। जैसे दारू पीने, चोरी करने वाले, लुच्चे लफंगों की संख्या ज्यादा है तो क्या वे सही हो गए?
मुस्लिम नेताओं के सामने महिला नेता ने कहा, ‘मुसलमानों का नामोनिशान मिटाना होगा’
प्राग। दुनिया में कभी भी आतंकवाद का नाम आता है तो उससे कोई न कोई मुस्लिम धर्म का व्यक्ति अवश्य जुड़ा होता है। इसलिए दुनिया से आतंकवाद खत्म करने का सबसे बेहतर तरीका यही है कि पहले दुनिया से इस्लाम का नामोनिशान मिटाया जाए। ये बात यूरोपीय देश चेक गणराज्य की राजनेता और मशहूर वकील क्लारा संकोवा ने चेक पार्लियामेंट में कही।
इस्लाम को मिटाओ वरना यूरोप बर्बाद हो जाएगा
क्लारा संकोवा ने जब अपना ये इस्लाम विरोधी भाषण दिया तब वहां कई मुस्लिम देशों के राजदूत भी मौजूद थे। क्लारा ने कहा कि यूरोपीय देशों को बचाने, यहां की संस्कृति को बचाने के लिए हमें मुसलमानों को खत्म करना ही होगा, नहीं तो मुस्लिम यूरोप को बर्बाद कर देगा।
मुसलमानों को पूरी तरह से खत्म करना बेहद जरूरी हैं।
#साभार
@Modified_Hindu9