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कृषि जगत

आम से मैंगो की यात्रा*

आम से मैंगो की यात्रा____________________
लेखक आर्य सागर खारी 🖋️

फलों का राजा आम भारत ,पाकिस्तान व फिलीपींस का राष्ट्रीय फल होने के साथ -साथ बांग्लादेश का राष्ट्रीय वृक्ष भी है.. ।वर्ष 2010 में ही बांग्लादेश ने आम के वृक्ष को राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा दिया है| आम का वृक्ष भारतवर्ष का मूल देशज वृक्ष है.. यह वृक्ष उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम भारत में पाया जाता है.. या यूं कहें पहाड़ी राज्यों को छोड़कर पूरे भारतवर्ष में आम का उत्पादन होता है|

2000 वर्ष पहले भारत वर्ष के अतिरिक्त आम कहीं नहीं पाया जाता था दुनिया की किसी भूभाग में.. इसके पश्चात बौद्ध भिक्षु इसे अपने साथ ले गए दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में.. चीन फिलिपिंस में भी आम का अच्छा खासा अब उत्पादन होता है.. 145 मिलियन टन सालाना के साथ भारत आम उत्पादन में नंबर वन है दूसरे नंबर पर चीन है फिलहाल|

आम ने फलों के राजा का तमगा यूं ही हासिल नहीं किया है इसमें विटामिन खनिज पोषक तत्व कूट-कूट कर भरे हुए हैं… सर्वाधिक पुष्टि दायक फल है भारत के आधे से अधिक राज्यों ने इसकी न्यूट्रिशन वैल्यू को देखते हुए अपने मिड डे मील के आहार मेनू में इसे शामिल किया है| आम खाने के पश्चात दूध का जरूर सेवन करना चाहिए। ऐसा आयुर्वेद के ग्रंथों में लिखा है| भारत में आम की सर्वाधिक लगभग 100 से अधिक किसमें पाई जाती है|

दशहरी लंगड़ा चौसा हापुस बगणपल्ली अल्फांसो केसरी सिंदूरी आम्रपाली आदि प्रमुख वैरायटी है.. आम का वृक्ष भारत में इतना लोकप्रिय रहा है इसके नाम पर भारत में अनेक गांव का नामकरण का हुआ है जैसे आमखेड़ी ,आमका आदि.. दशहरी आम का नामकरण लखनऊ के पास जहां यह किस्म विकसित की गई दशहरी गांव के नाम पर किया गया है प्राचीन भारत में आम समृद्धि का प्रतीक माना जाता था।

राजे महाराजे इसका सघन वृक्षारोपण राजमार्गों पर कराते थे|

आम को संस्कृत में आम्र तथा तमिल में “अम काय” बोला जाता है.. जो कालांतर में उच्चारण भेद के कारण” मम काय ” में तब्दील हो गया… मलयाली में जाकर मंगा हो गया..|

पुर्तगाली जब भारतवर्ष में आए केरल से मसालों का कारोबार करते थे वह इसे अपने साथ यूरोप ले गए.. यूरोप जाकर मंगा, मैंगो में तब्दील हो गया.. आम से मैंगो की यात्रा के नामकरण का यही दिलचस्प किस्सा है|

यूं तो पारस भूमि भारतवर्ष ने दुनिया को अनेक सौगातें दी हैं आम उनमें से एक है….🍋🍋🍋

आर्य सागर खारी ✒✒✒

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