आर्य सागर खारी
गाय का घी उत्तम रसायन है, लेकिन बात जब गायों की दर्जनों देसी प्रजातियों मैं किसका घी उत्तम माना जाए ? तो वहां साहीवाल राठी गिर जैसी उत्तम नस्लों को पीछे छोड़ते हुए मध्यम आकार की सफेद सलेटी कबरे रंग की देसी गाय की अनोखी नस्ल नारी बाजी मार लेती है। इस गाय का मूल उत्पत्ति स्थान दक्षिणी राजस्थान , उत्तरी गुजरात है दक्षिणी राजस्थान का सिरोही पाली गुजरात का साबरकांठा, बनासकांठा इसका होम ट्रैक है……… पर्वतराज हिमालय से भी प्राचीन अरावली पर्वतमाला का अर्ध शुष्क क्षेत्र इस गाय बहुत पसंद आता है….. यह गोवंश अरावली के वासियों के लिए एक लाइफ लाइन है भयंकर गर्मी सूखे तिनके चबाकर यह 7 से 15 लीटर दूध देती है…. इस क्षमता से और अधिक दूध दे सकती है विशेष देखरेख में।
इस नस्ल का नामकरण इसके भौगोलिक विचरण क्षेत्र के आधार पर किया गया है अरावली पर्वत की चोटियों को स्थानीय भाषा में #नार कहा जाता है। स्वभाव से यह घुमक्कड़ प्रकृति की होती है। अरावली की कोख में जनक जन्म लेने वाले असंख्य योद्धाओं सूरमा ने इसके दिव्य घी का पान किया है।
अरावली पर्वतमाला कि मध्यम ऊंचे क्षेत्रों में यह पाई जाती है तो इसे नारी कहा जाता है। इसे सिरोही नस्ल भी कहा जाता है। इस देसी गाय का बछड़ा पथरीली भूमि पर खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है।
नारी नस्ल के गोवंश के घुमावदार त्रिशूलआकार सिंग ही इसकी विशेष पहचान है। लोग इसके सिंगो को देख कर अनाहक भयभीत होते हैं स्वभाव से बहुत शांत होती है।
जनवरी 2020 में ही National Bureau of animal genetic resource Karnal हरियाणा में इसे भारतीय देशी गोवंश की स्वतंत्र नस्ल के तौर पर रजिस्टर्ड किया है। यही विडंबना है 70 साल से अधिक समय निठल्ले वैज्ञानिक संस्थानों को लुप्त होती ऐसी नस्लों को पहचानने में लग गए… ऐसे अधिकांश संस्थानों में कम्युनिस्ट आज भी कुंडली मारे बैठे हुए हैं। नारी नस्ल के रजिस्टर्ड होने में भी निजी प्रयास अधिक रहा बनासकांठा के गौ प्रेमी सहजीवन NGO के संस्थापक रमेश भाटी जी ने इस गाय पर कार्य कर भारतीयकृषिअनुसंधान_परिषद नई दिल्ली को इससे अवगत कराया तब कहीं जाकर यह स्वतंत्र ब्रीड के तौर पर रजिस्टर्ड हो पाई। पश्चिमी भारत दुधारू देसी गोवंश की खान है बहुत सा गोवंश लुप्त हो गया है नारी नस्ल की गाय केवल संख्या में 55000 बची हैं…. जो शेष है उपलब्धि व अनुसंधान के लिए पर्याप्त है।
विदेशी नस्ल की एचएफ जर्सी गाय भारतीय गायों के आगे कहीं नहीं टिकते गर्मी जेल में रोग प्रतिरोधकता दूध की उत्पादकता और गुणवत्ता के मामले में। यहां भगवान ने स्थान स्थान की जलवायु वातावरण के लिहाज से देशी गोवंश की विशेष नस्ल की सौगात दी है….