हिंदू महासभा तथा सावरकर वाद प्रचार सभा के संस्थापक इंद्रदेव गुलाटी ने उ.प्र. के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के 16 दिसंबर को सिकंद्राबाद में उर्दू को बढ़ावा देने संबंधी वक्तव्य की कटु आलोचना की है क्योंकि यह दिलो का तोड़ती है और विभाजन कारी भाषा है। गुलाटी ने स्पष्ट किया कि 1947 को इसने भारत को विभाजित किया और इसी के कारण पूर्वी पाकिस्तान 1971 में बंगलादेश बना। इन्होंने कहा कि यदि सावरकर वादियों ने स्वतंत्र भारत का संविधान बनाया होता तो उर्दू को 8वीं अनुसूची में रखकर मान्यता नही दी जाती।