केंद्रीय आर्य युवक परिषद का नोएडा में हुआ युवक चरित्र निर्माण आयोजन : भारत की संस्कृति यज्ञ योग, ऋषि और कृषि की संस्कृति है : ओम सपरा ऋषि दयानंद के सपनों का भारत बनाना समय की आवश्यकता: अनिल आर्य

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नोएडा। आर्य समाज के युवा संगठन केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के द्वारा एमिटी इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 44 नोएडा में दिनांक 3 से 11 जून, 2023 तक एक विशाल आर्य युवक चरित्र निर्माण / व्यक्तित्व निर्माण और योग प्राणायाम शिविर का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन डॉ आनंद चौहान, निदेशक एमिटी इंटरनेशनल स्कूल ने किया। इस अवसर पर पूर्व स्पेशल मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रैट, नई दिल्ली तथा अध्यात्म पथ पत्रिका के संपादक श्री ओम सपरा अपना उद्बोधन देते हुए ।
इस अवसर पर शिक्षाविद श्री आनंद चौहान, अनिल आर्य, आचार्य जयेन्द्र कुमार, आर्य नेता माया राम त्यागी, प्रिंसिपल श्रीमती रेनू, ब्रिगेडियर महापात्र और ब्रिगेडियर भाटिया ने अपने विचार प्रकट किये और युवकों के उज्जवल भविष्य की कामना की।
उत्तरी दिल्ली वेद प्रचार मंडल पंजीकृत के प्रधान ओम सपरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह शिविर चुने हुए बच्चों, युवकों का एक सुंदर गुलदस्ता है जो योग, प्राणायाम, व्यक्तित्व निर्माण और चरित्र निर्माण का एक सप्ताह का यह अद्भुत प्रशिक्षण प्राप्त करके, अपने व्यक्तित्व का निखार करेंगे और आशा है कि वे अपने परिवार और नगर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करेंगे और आर्य समाज के तेजस्वी स्तंभ सिद्ध होंगे।

श्री सपरा ने कहा कि यह अनमोल कार्य करने के लिये युवकों के जीवन में यज्ञ और योग दोनों का समन्वय आवश्यक है। यज्ञ हमारे जीवन को परोपकारी बनाता है और योग हमें आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। जीवन की अंधेरी गुफाओं और गहरे रहस्यों से पर्दा उठाने में योग सहायक होता है जबकि संसार में रहकर जीवन को आनंदित कर एक दूसरे के साथ सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाकर आगे बढ़ना हमें यज्ञ सिखाता है। उन्होंने कहा कि भारत की ऋषि और कृषि की संस्कृति इसी यज्ञ और योग की भावना पर आधारित है। यज्ञ और योग के बिना जीवन वैसा ही है जैसे बंजर खेती होती है। आज के संसार की अधिकांश समस्याओं का कारण यज्ञ और योग से दूरी बना लेना है।
उन्होंने कहा कि किसी समय अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बर्मा, इंडिनेशिया, नेपाल आदि सभी अखंड भारत के हिस्से थे और हिन्दू या वैदिक धर्म को मानने वाले आस्तिक यहाँ की बहुसंख्यक जनसंख्या थी। परंतु आक्रमणकारियों के हमलों और दुष्प्रभाव से हिन्दू लोग अल्पसंख्यक हो गए। आज इन देशों में यज्ञ और योग से वस्त्र रखने वाले वैदिक धर्म ही लोगों का नितांत अभाव हो गया है। यही कारण है कि इन देशों से संसार के उपकार की कोई बात कभी सुनाई नहीं देती । जबकि भारत में वैदिक धर्म में विश्वास रखने वाले लोग आज भी बड़ी संख्या में हैं ।जिस कारण भारत आज भी संसार को मानवता का संदेश दे रहा है।
श्री सपरा ने कहा कि इन सभी देशों में डेमोग्राफीक परिवर्तन का एक समाधान है कि घर वापसी और शुद्धि आंदोलन का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। हम अखंड भारत का सपना तभी साकार होते देखेंगे जब भारत अपने मौलिक स्वरूप में विश्व मानचित्र पर उभरकर स्थापित होगा।
शिविर में लगभग 200 युवक छात्र भाग ले रहे है। इसमें वरिष्ठ विद्वान डॉ जयेंद्र कुमार और उत्तर प्रदेश के धार्मिक तथा सामाजिक नेता श्री माया राम त्यागी जी तथा प्रिंसिपल रेणु, ब्रिगेडियर भाटिया, ब्रिगेडियर महापात्र, डॉ आनंद चौहान, यशोवीर आर्य, प्रवीन आर्य, योगेंद्र शास्त्री, कमल आर्य, आस्था आर्य, सौरभ गुप्ता, यज्ञवीर चौहान, विवेक अग्निहोत्री, राम कुमार आर्य, सौरभ आर्य, धर्मपाल आर्य आदि विशिष्ट अतिथिगण उपस्थित हुए।
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने इस अवसर पर कहा कि संसार आध्यात्मिक नेतृत्व के लिए आज भी भारत की ओर देख रहा है। उन्होंने कहा कि ऋषि दयानंद के सपनों का भारत बनाने के लिए आज के युवा को वैदिक धर्म की मान्यताओं की ओर लौटाना समय की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से प्रेरित होकर इस प्रकार के आयोजनों को उनका संगठन करता कराता है। उन्होंने कहा कि मां भारती वेद की ऋचाओं की साक्षी है। यहीं रहकर हमारे ऋषियों ने गहन चिंतन मंथन कर अनेक वैज्ञानिक आविष्कार किए और संसार के कल्याण के लिए अपने जीवन खपा दिए। आज का भारत यदि अपने ऋषियों की अनमोल विरासत को समझ पाया तो निश्चय ही संसार का कल्याण होगा।

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