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कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इस समय अमेरिका यात्रा पर हैं। इस संदर्भ में कुछ विचार नियम बातें इस प्रकार हैं ,:-
४ जून को न्यूयार्क में राहुल गांधी मुस्लिमों का सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं!!
राहुल गांधी की अमरीकी यात्रा.. इस्लामिक सेंटर ऑफ अमेरिका द्वारा आयोजित कार्यक्रम के लिए सभी संपर्क कट्टरपंथी इस्लामिक सेंटर ऑफ अमेरिका के हैं।
अमेरिका में राहुल गांधी के कार्यक्रम के चारों आयोजक पाकिस्तानी मुस्लिम हैं जो भारत के धुर विरोधी हैं, इनके द्वारा कार्यक्रम के लिए जो बसें लगाई गई हैं वे सभी इस्लामिक बिल्डिंगो से चलने वाली हैं, सभी कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन राहुल गांधी के कार्यक्रम को आयोजित करवा रहे हैं।
पाकिस्तान के भारत में पूर्व राजदूत अब्दुल बासित ने एक वीडियो में कहा है इंशाल्लाह अबकी बार पाकिस्तान यह जरूर उम्मीद कर रहा है कि भारत में 2024 में कांग्रेस की सरकार बनेगी पूरा पाकिस्तान इंतजार कर रहा है और पूरा इस्लामिक जगत इसी बात में लगा हुआ है कि किसी भी तरह भारत में कांग्रेस की सरकार बनाई जाए और अपने इस्लामी एजेंडे को फिर से लागू किया जाए।
पाकिस्तान की मुस्लिम सरकार कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत को लेकर काफी राहत महसूस कर रही है । अब उसे उम्मीद है कि 2024 में जब भारत में लोकसभा के आम चुनाव होंगे तो उस समय कांग्रेस बाजी मार सकती है और कांग्रेस के सत्ता में लौटने से उसे नरेंद्र मोदी की राष्ट्रवादी सरकार से छुटकारा मिल सकता है। पाकिस्तान इस बात को लेकर बहुत बड़ी बड़ी उम्मीदें बना रहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार के हटने के बाद कांग्रेस के शासनकाल में उसके अच्छे दिन फिर लौट आएंगे।
कांग्रेस भी इस बात को हवा दे रही है ताकि सारे भारत से अच्छा चंदा उठाया जा सके। बहुत दिनो से चंदा मिल नही रहा है न। बिना चंदा कांग्रेसी नेता बिना पानी के मछली की तरह तड़पने लगते हैं। उन्हें बिन चंदा सब सून नजर आता है।
राहुल गांधी, सोनिया गांधी,प्रियंका गांधी सबने ४० प्रतिशत कमीशन की सरकार को चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाने का प्रयत्न किया। चुनाव परिणाम में भाजपा को २०१८ में ३६ प्रतिशत वोट मिले थे। उसके से .१ प्रतिशत वोट भी कर सकी क्योंकि जनता नजरों में भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस कहीं अधिक बड़ी चोर है जिसके शासनकाल में बड़ी-बड़ी डकैतियों के रिकॉर्ड बने। कॉमन वेल्थ घोटाला उनमें से एक रहा है।
गाँधी परिवार को बोफ़ोर्स से लेकर इनके जमाई के भ्रष्टाचार से अच्छी तरह जानती है। स्थानीय कर्नाटक के नेता शिव कुमार के भ्रष्टाचार से अच्छी तरह वाक़िफ़ हैं । भाजपा का वोट कांग्रेस इस मुद्दे पर नही खींच सकी। भाजपा ने इतना विकास किया इस लिये सत्ता विरोधी हवा का वोट भी कांग्रेस को नही मिला। कर्नाटक के चुनाव में जनता दल सेक्युलर हारी। उसके ५ प्रतिशत वोट व १८ सीट कांग्रेस को मिल गये। जनता दल सेक्युलर के ५ प्रतिशत वोट कांग्रेस को मिल जाने से कांग्रेस के वोट भाजपा से ३६ सीट पर अधिक हो गये व कांग्रेस कर्नाटक में सत्ता में आ गई।
कर्नाटक चुनाव में एक बात स्पष्ट हो गई कि कांग्रेस भाजपा के .१ प्रतिशत वोट भी कम करने में असफल रही। कांग्रेस को २०१९ के चुनाव में ५२ लोकसभा की सीट मिली थीं। कर्नाटक चुनाव से एक बात तो स्पष्ट है कि कांग्रेस भाजपा की राजनीतिक शक्ति को कम करने में असमर्थ है। कांग्रेस पंजाब, असम,से जो सीट जीती वह जीत नही सकती। भाजपा क़ो पिछली बार जितने वोट मिले थे वह तो मिलने ही हैं। कांग्रेस उसका वोट कम करने में असमर्थ है। मोदी जी के पिछले चुनाव में वोट व सीट बढ़ने का कारण वह गरीब व्यक्ति है जिसको कांग्रेस के जमाने में कुछ नही मिला। हां मोदी सरकार में उसको इज्जत घर, पक्का घर, गैस सिलेंडर मिला। इस बार भाजपा ने ३५० सीट का लक्ष्य बनाया है वह सार्थक होगा। क्योंकि इन ५ वर्ष में घर प्राप्त करने वालों की संख्या ४ करोड़ पहुँच गई है। विपक्ष में ममता बनर्जी सरकार के भ्रष्टाचार के चलते उसकी हालत पतली है । सागरदीघि उपचुनाव इसका प्रमाण है। राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान हिन्दुओं ने देख ली मुस्लिम हिन्दुओं की मां गाय को खुले आम रास्ते पर काट रहे हैं। इस सब के पीछे कांग्रेस की मानसिकता को लोग अच्छे प्रकार समझ रहे हैं। मोदी सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्य भी लोगों की नजरों में है। इसके अतिरिक्त पूरे देश में जिस प्रकार शांति का परिवेश बनाने में नरेंद्र मोदी सफल रहे हैं उसे भी लोग भली प्रकार समझ रहे हैं। सांप्रदायिक दंगों की राजनीति कांग्रेस की राजनीति का एक अंग रही है। पर अब देश के लोग देख रहे हैं कि जिन पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाया जाता था उनके शासन में लोग सांप्रदायिक दंगों को भूल गए हैं।