निकाह यानी योनि का सौदा !!
असदुद्दीन ओवैसी के बारे में सभी जानते हैं यह धूर्त व्यक्ति कट्टर जिहादी और हिन्दू द्वेषी है ,यह हिन्दुओं को नीचे दिखने के लिए कोई मौका नहीं छोडता ,आपको याद होगा कि जब संसद में तीन तलाक के बारे में बहस हो रही थी ,तो ओवैसी ने कहा था ,कि भले ही हिन्दुओं में विवाह जन्म जन्म का बंधन और पवित्र संस्कार होगा ,लेकिन इस्लाम में शादी एक अनुबंध (Agreement ) है ,और उसे कभी भी तोडा जा सकता है ,लेकिन ओवैसी ने बड़ी मक्कारी से असली बात को छुपा लिया था , जिसका इस लेख में भंडा फोड़ा जा रहा है ,कि इस्लाम में शादी यानि निकाह का मतलब क्या है ?
दुनियां में इस्लाम एकमात्र ऐसा मजहब है जिसने औरतों को सबसे अधिक महत्त्व दिया है , और यदि कोई कहे कि औरतों के बिना इस्लाम जिन्दा नहीं रह सकता तो ऐसा कहना गलत नहीं होगा , क्योंकि मुस्लमान नमाजें इसीलिए पढ़ते हैं कि अल्लाह खुश होकर जन्नत में उनको औरतें ( हूरें ) देगा ,इसीतरह मुस्लमान जिहाद इसलिए करते हैं कि जिहाद में उनको गैर मुस्लिमों की औरतें मिल सकें और वह अय्याशी करते रहें ,
मुस्लमान औरतों के इतने शौकीन होते हैं कि शादी भी औरत को पत्नी का दर्जा देने की बजाये निकाह के समय औरत की योनि खरीद लेते हैं , जिस तरह से कोई वेश्या रूपये लेकर अपना जिस्म ग्राहक को सौंप देती है , उसी तरह निकाह के समय मुस्लिम औरत मर्द से कुछ धन लेकर अपनी योनि मर्द को अय्याशी के लिए सौंप देती है , इस्लामी परिभाषा में योनि खरीदने के लिए स्त्री को जो धन दिया जाता है उसे “मेहर – مهر; ” कहा जाता है , हालांकि यह शब्द कुरान में नहीं है , mehar यह तुर्की शब्द है इसका अर्थः “bride price” होता है
1-मेहर का असली अर्थ
निकाह के वक्त वधु को महर देना अनिवार्य होता है ,, मुल्ले बड़ी चालाकी से महर का अर्थ उपहार (Gift ) कर देते हैं . लेकिन कुरान में औरत को दिए जाने वाले धन को अरबी में “उजर – اُجر ” कहा गया है , जिसका बहुवचन “उजूर – أُجُورَ ” होता है ,इसका अर्थ compensation, wages,price ,इसका मतलब क्षतिपूर्ति , मजदूरी और कीमत हैं ,
2–अल्लाह पत्नी को सेक्स मजदूर मानता है
मुस्लिम देशों में वेश्यावृत्ति गुनाह नहीं माना जाता है , यह व्यवसाय है , वेश्याएं सम्भोग करवाने के लिए मर्दों से जो पैसा मांगती हैं ,उसे अपनी मेहनत या मजदूरी बताती है , अल्लाह ने यही नियम उन सभी औरतों पर लागू कर दिया जो निकाह के समय मेहर के रूप में रूपये लेती है , कुरान की यह आयत देखिये
“और जिन औरतों के साथ तुम जीवन का मजा उठाओ , उन्हें उसके बदले में निश्चित मजदूरी अदा करो ”
“.So for that pleasure which you have enjoyed from them, give them compensation.
فَآتُوهُنَّ أُجُورَهُنَّ
सूरा -निसा 4:24
.
नॉट-अरबी में है ” फातू हुन्न उजूर हुन्न – فَآتُوهُنَّ أُجُورَهُنَّ ” उनको उनकी मजदूरी चूका दो ( give them compensation )
,इस आयत की तफ़सीर जलालैन में इस प्रकार से व्याख्या दी गयी है ,
“जैसे तुमने औरतों के साथ मजे किये और उनसे सम्भोग किया , वैसे ही इसके लिए उनकी मजदूरी चुका दो
Such wives as you enjoy thereby, and have had sexual intercourse with, give them their wages,
Tafsir Al-Jalalayn-Verse 4.24
इस तरह से अल्लाह ने पत्नी को दिए जाने वाले मेहर को औरत के साथ सम्भोग करने की मजदूरी बता दिया ,
3-महर योनि की कीमत
लेकिन रसूल अल्लाह से भी अधिक ज्ञानी थे उन्होंने मेहर को औरत की योनि की कीमत बता डाली , इसके बारे में दो हदीसें दी जा रही हैं
(नोट – अरबी में योनि (vagina ) को “फुर्ज – فُرج
” कहा जाता है , और “उसकी योनि (her vagina ” को अरबी में ” फुर्जहा – فُرجها ” कहा जाता है .
2-हदीस से पुष्टि
“बशरा नाम के एक अंसार ने रसूल से कहा कि मैंने एक कुंवारी लड़की से निकाह किया था , और जब कुछ समय बाद घर गया तो देखा की मेरी पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया है ,रसूल ने कहा कि तुमने उस स्त्री की योनि की मजदूरी ( महर ) चुका दिया , और उसकी योनि तुम्हारे लिए वैध है .
“فَقَالَ النَّبِيُّ صلى الله عليه وسلم ” لَهَا الصَّدَاقُ بِمَا اسْتَحْلَلْتَ مِنْ فَرْجِهَا ”
“कालन्नबी सलल्ललाहु अलैहि व् सल्लम लहा अस्सदाक बिमा असतहलत मिन फुर्जहा ”
A man from the Ansar called Basrah said: I married a virgin woman in her veil. When I entered upon her, I found her pregnant.The Prophet said,
‘She will get the dower, for you made her vagina lawful for you.’
Reference : Sunan Abi Dawud 2131
In-book reference : Book 12, Hadith 86
English translation : Book 11, Hadith 2126
इस हदीस में “अस्सदाक- الصَّدَاقُ ” का अर्थ मजदूरी (wage ) और ” फुर्जहा-فَرْجِهَا ” का अर्थ उसकी योनि (her vagina ” है .
मेहर का सही अर्थ योनि की कीमत है जो निकाह के समय पुरुष अपनी पत्नी को चूका देता है , इस तरह से पुरुष पत्नी की योनि का मालिक (ग्राहक ) बन जाता है , वह जब चाहे जब भी जीतनी बार और जब तक सहवास कर सकता है , यही कारण है कि मुस्लिम मर्द जब चाहे बिना कारन या ज़रा ज़रा सी बात पर अपनी औरत को तीन तलाक दे देते हैं , और जब अदालत इस प्रथा को अपराध बताती है और तलाक शुदा पत्नी को उसके निर्वाह के लिए खर्चा देने की बात करती है तो मुल्ले मौलवी विरोध करने लगते हैं , और शरीयत की दुहाई देने लगते हैं , एक प्रकार से उनकी बात सही है क्योंकि इस्लाम में निकाह संस्कार नहीं बल्कि एक लिखित एग्रीमेन्ट होता है , जिसमे औरत मेहर रूपी एडवांस धन लेकर मर्द को अपनी योनि बेच देती है , जैसे कोई व्यक्ति रुपये लेकर अपनी जमीन या मकान किसी को बेच देता है तो वह संपत्ति खरीदने वाले की हो जाती है , वह खरीद दार उसका जो चाहे करे , छोड़ दे ,दान कर दे , किसी को भेंट कर दे या नष्ट करदे ,उसकी मर्जी !
अल्लाह ने औरतों को बिकाऊ माल या अपनी योनि बेचने वाली सेक्स वर्कर बना दिया , इस हालत से बचने का एक ही रास्ता है कि मुस्लिम लड़कियां किसी हिन्दू से शादी कर लें ,और धर्मपत्नी बन कर सुख से जीवन गुजारें
Video by B .N. Sharma
Muslim women also can have many Husbands
ब्रजनंदन शर्मा
(402)
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।