सत्य की खोज* *ज्योतिष और भविष्यवाणी*
सत्य की खोज
ज्योतिष और भविष्यवाणी
लूट,पाखंड और अविद्या का खेल
(जब परमेश्वर ही त्रिकालदर्शी नही तो ये तथकथित ज्योतिषी क्या परमेश्वर से आगे है)
Dr DK Garg
ये लेखमाला 5 भागो में है ,कृपया अपने विचार बताए और शेयर करे तभी परिश्रम सार्थक होगा।
भाग 1
रोजाना सभी समाचार पत्रों में और अधिकांश पत्रिकाओं में आपको भविष्य फल पढ़ने को मिलेगा ,ये बताने के लिए आपको जन्म तिथि के अनुसार राशि देखनी पड़ेगी अथवा नाम का पहला अक्षर भी चलेगा .लेकिन यहाँ स्थिति पचिदी हो जाती है की उपरोक्त आधार पर दो राशियां आई तो किस राशि का भविष्यफल स्वीकार किया जाए ।
इस कार्य में कुछ ज्योतिषी टैरो कार्ड से भी भविष्य बताने का दावा करते हैं। सड़क पर बैठे कुछ लोग पिंजड़े में कैद तोते के माध्यम से आपका भविष्य बताने का दावा करते हैं।लखनऊ सचिवालय के सामने सड़क पर ज्योतिषी लाइन लगाकर बैठे है और आपका हाथ देखकर भविष्य बताने का दावा करेंगे।कुछ लोग अंकगणित से समय का जोड़ घटाना करके भविष्य बताएंगे की काम बनेगा या नही , इसी तरह समय को भी बांट दिया है की अमुक समय से काली दिशा सुरु होगी इसलिए कोई काम ना करे , कुछ तो अब इस ज्योतिष को वैदिक ज्योतिष ,भृगु ज्योतिष ,पराशर ज्योतिष का नाम भी देते है और कंप्यूटर का सहारा लेकर भविष्य बताते है ।
इस तरह भारतीय भविष्य वक्ताओं की सूची लंबी है, इसलिए अब मुद्दे पर आते हैं।
प्रश्न ये है कि क्या ये ज्योतिषी त्रिकाल दर्शी है?
पहले ये समझे की हमारे शास्त्र क्या कहते है?
इस विषय पर विस्तार से समझने के लिए कुछ प्रश्न करने होगे जिनका उत्तर समझना जरूरी है
1.ज्योतिष का अर्थ क्या है
2.क्या ये ज्योतिषी त्रिकाल दर्शी है
3.वेद मे किस ज्योतिष विद्या का उल्लेख मिलता है
4 ज्योतिष के नाम पर किस किस तरह का अंधविश्वास फैला हुआ है?
5 ग्रह ,उपग्रह और नक्षत्र किसे कहते है ,क्या, सोम, ब्रहस्पति आदि है हमारे जीवन में हस्तक्षेप करते है?
बहुत से लेख हमको ऐसे प्राप्त होते हैं जिनके लेखक का नाम परिचय लेख के साथ नहीं होता है, ऐसे लेखों को ब्यूरो के नाम से प्रकाशित किया जाता है। यदि आपका लेख हमारी वैबसाइट पर आपने नाम के बिना प्रकाशित किया गया है तो आप हमे लेख पर कमेंट के माध्यम से सूचित कर लेख में अपना नाम लिखवा सकते हैं।