गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट द्वारा 1857 की क्रान्ति के शहीदों को किया गया नमन : किया शहीदों के परिवारों को सम्मानित
नई दिल्ली (विशेष संवाददाता) यहां स्थित जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट द्वारा शहीदों की याद में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में केजरीवाल सरकार में मंत्री राजकुमार आनंद मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 1857 की क्रांति में भाग लेकर देश की आजादी का मार्ग प्रशस्त किया वे सभी हमारे लिए अभिनंदन के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे शहीदों के परिवारों के लिए सरकार किस प्रकार सहयोग कर सकती है, इसके लिए वह निश्चय ही नियमों के अंतर्गत विशेष सुविधा और सहायता देने का प्रयास करेंगे। श्री आनंद ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार शहीदों का सम्मान करती है और उनके परिवारों के प्रति भी अपना विशेष सम्मान व्यक्त करती है।
इस अवसर पर भाजपा के सांसद रामवीर की जोड़ी ने कहा कि 1857 की क्रांति के अमर शहीदों ने अपना बलिदान देकर देश को आजाद करने का मार्ग प्रशस्त किया था। जिससे आजादी की लड़ाई में सभी जाति बिरादरियों के लोगों ने अपना बढ़-चढ़कर योगदान दिया था। उनकी उस बलिदानी भावना के कारण ही आज हम आजाद हैं। गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री दिवाकर बिधूड़ी ने इस अवसर पर ट्रस्ट के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि यह ट्रस्ट उन 198 जातियों के लिए कार्य करता है जिन्होंने देश की आजादी में अपना विशेष बलिदान देकर देश को आजाद करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि देश का प्रत्येक वर्ग सम्मान का पात्र है और हम उन्हें उनका हक दिलाकर रहेंगे।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि देश को आजाद कराने में गुमनाम ढंग से लाखों लोगों ने अपना बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि जहां तक गुर्जर जाति का सवाल है तो इस जाति के राजा नागभट्ट द्वितीय ने सबसे पहले घर वापसी और शुद्धि का कार्यक्रम आरंभ किया था। उन्होंने कहा कि 1398 ईसवी में तैमूर लंग के विरुद्ध राम प्यारी गुजरी और जोगराज सिंह गुर्जर के साथ-साथ हरवीर सिंह गुलिया का बलिदानी जज्बा भी हम सबके लिए वंदनीय है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए 1857 की क्रांति के समय धन सिंह कोतवाल और उनके अनेक क्रांतिकारी साथियों ने देश को आजादी की तरफ बढ़ने का क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कार्य किया। उन्होंने कहा कि राजा भोज ने बहराइच के राजा सुहेलदेव का साथ देकर विदेशी आक्रमणकारी महमूद गजनबी के भांजे सलार मसूद की 11लाख की सेना को कटवाने में अपना ऐतिहासिक योगदान दिया था इसी प्रकार राजा जयपाल ने अपना बलिदान देकर आज के अफगानिस्तान में स्थित अपने हिंदू राज्य की सुरक्षा करने का ऐतिहासिक कार्य किया था।
विचार गोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए सुप्रसिद्ध इतिहासकार और समाजसेवी राजपाल सिंह कसाना ने कहा कि देश को बलिदानी परंपरा से ही आजादी मिली है। इसके लिए क्रांतिकारी बलिदानियों कि देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पण करने की भावना हम सबके लिए स्तवनीय है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास को दोबारा गौरवशाली ढंग से लिखे जाने की आवश्यकता है। जिसमें धन सिंह कोतवाल सहित उन सभी गुमनाम क्रांतिकारियों को स्थान मिलना चाहिए जिन्होंने हम सबके लिए यह सुहाने दिन देने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान किया था।
इस अवसर पर भाजपा उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री श्री नवाब सिंह नागर, पूर्व मंत्री श्री हरीश चंद भाटी सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री राजकुमार भाटी, पूर्व मंत्री डॉ यशवीर सिंह सहित वरिष्ठ समाजसेवी श्री सतीश नंबरदार, गुर्जर आर्ट एंड कल्चर ट्रस्ट के पदाधिकारी विजेंद्र सिंह आर्य ,कमल सिंह आर्य, आर्य वीरेश भाटी, श्री जगदीश लोहिया सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अवसर पर सुप्रसिद्ध गायक मा. ब्रह्मपाल नागर ने भी ऐतिहासिक किस्सों पर बनी रागनियों के माध्यम से अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का सफल संचालन अमर चौधरी व श्रीमती ममता भडाणा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के आयोजक श्री दिवाकर बिधूड़ी ने बताया कि कार्यक्रम में लगभग 700 शहीद परिवारों के लोगों को सम्मानित किया गया।