इस्लामी परदे का रहस्य बेपरदा !
आजकल देश में अनेकों ऐसे महिला संगठन है , जो मांग करते रहते हैं कि समाज में महिलाओं का वही दर्जा होना चाहिए जो पुरषों को है , लेकिन ऐसे लोग नहीं जानते कि हिन्दू धर्म महिलाओं को पुरुषों के बराबर नहीं , बल्कि महिलाओं को पुरुषों से अग्रिम और पूज्यनीय मानता है , हमारी परंपरा में पति से पहले पत्नी का नाम लिया जाता है , जैसे “सीता -राम , गौरी -शंकर , लक्ष्मी – नारायण ,और माता – पिता ,इत्यादि , आपने आज तक किसी देवी की ऐसी मूर्ति या चित्र नहीं देखा होगा , जिसमे देवी को घूँघट लगाये हुए या बुरका पहिने हुए दिखाया गया हो. प्राचीन काल में विदुषी महिलाएं वेद पढ़ती थीं , शास्त्रार्थ करती थी ,
महिलाओं को पुरुषों से हीन बनाने और परदों में बंद करने का राक्षसी रिवाज इस्लाम की पैदायश है , और जब भी शिक्षित ,मुस्लिम महिलाएं , परदा प्रथा का विरोध करती हैं , मुस्लिम विद्वान अक्सर यही दलील देते हैं कि अल्लाह ने औरतों की हिफाजत ,और मर्दों की बुरी नजर से बचाने के लिए परदे का हुक्म दिया है , लेकिन मुल्ले मौलवी इस बात को छुपा लेते हैं , कि परदे का हुक्म मुसलमानों के दूसरे खलीफा उमर की बुरी आदतों के कारण आया था ,
1-उमर कौन था ?
यह सुन्नियों का दूसरा खलीफा था, इसका पूरा नाम “उमर बिन अल खत्ताब – عمر بن الخطاب ” था , इसका जन्म सन ई ० में और मृत्यु 3 नवम्बर सन 644 ई ० में हुई थी , शिया इसे अय्याश और चरित्रहीन व्यक्ति बताते हैं , इसकी शादी रसूल के चचेरे भाई अली की बड़ी बेटी ” उम्मे कुलसुम – أم كلثوم بنت علي ” से हुई थी , जो इसकी 9 वीं पत्नी थी उमर ने मरने से पहले ग्यारह शादियां की थीं .
2-उमर खत्ताब की पत्नियां
1.अतीका बिन्त जैद ,2. फुकैहा ,3- लुहैय्या अल यमनिय्या, 4-मलाइका बिन्त अबी उमय्या ,5-करीबा बिन्त अबी उमय्या ,6-सुबय बिन्त हारिस ,7-उम्मे आसिम जमीला बिन्त हारिस ,8-उम्मे हाकिम बिन्त हारिस ,9- उम्मे कुलसुम बिन्त अली
,(जिस समय उमर बिन खत्ताब ने अली की बड़ी बेटी उम्मे कुलसुम से शादी की थी ,तो उस समय उमर की आयु 47 के लगभग थी , और उम्मे कुलसुम की आयु 6 -7 साल रही होगी , क्योंकि उमर की मौत 54 -55 की आयु में हुई थी , उस समय उम्मे कुलसुम 16 -17 साल की रही होगी ,)
10-उम्मे कुलसुम बिन्त अम्र इब्ने जरवाल ,11-जैनब बिन्त मजऊन ,
उमर चरित्र कैसा था यह इस बात से पता चलती है , कि रसूल का रिश्तेदार होने , और ख़लीफ़ा होने पर ,और ग्यारह पत्नियां होने के बावजूद उमर रसूल की पत्नियों का पीछा करता था , जब वह एक सुनसान जगह शौच के लिए जाया करती थी , यह बात इन दो हदीसों से पता चलती है
3 -पहली हदीस
“आयशा (रसूल की पत्नी ) ने बताया कि रसूल की पत्नियां रात को नित्य कर्म ( शौच ) के लिए मदीना के बाक़ी नामकी जगह से कुछ दूर अल मानसी नामक सुनसान मैदान में जाया करती थीं ,एक बार जब रसूल ईशा की नमाज के लिए गये थे , उमर चुपचाप उस मैदान में गया , और सौदा बिन्त जम से बोला ” सौदा मैंने तुम्हें पहिचान लिया ” रसूल को जब यह बात पता हुई , तभी हिजाब की आयत उतरी थी ”
، عَنْ عَائِشَةَ، أَنَّ أَزْوَاجَ النَّبِيِّ، صلى الله عليه وسلم كُنَّ يَخْرُجْنَ بِاللَّيْلِ إِذَا تَبَرَّزْنَ إِلَى الْمَنَاصِعِ ـ وَهُوَ صَعِيدٌ أَفْيَحُ ـ فَكَانَ عُمَرُ يَقُولُ لِلنَّبِيِّ صلى الله عليه وسلم احْجُبْ نِسَاءَكَ. فَلَمْ يَكُنْ رَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم يَفْعَلُ، فَخَرَجَتْ سَوْدَةُ بِنْتُ زَمْعَةَ زَوْجُ النَّبِيِّ صلى الله عليه وسلم لَيْلَةً مِنَ اللَّيَالِي عِشَاءً، وَكَانَتِ امْرَأَةً طَوِيلَةً، فَنَادَاهَا عُمَرُ أَلاَ قَدْ عَرَفْنَاكِ يَا سَوْدَةُ. حِرْصًا عَلَى أَنْ يَنْزِلَ الْحِجَابُ، فَأَنْزَلَ اللَّهُ آيَةَ الْحِجَابِ.
“Narrated Aisha:The wives of the Prophet used to go to Al-Manasi, a vast open place (near Baqi
at Medina) to answer the call of nature at night,Umar used to spy . the Prophet went out at Isha' time pray .One night Sauda bint Zam
a the wife .
.Umar addressed her and said, “I have recognized you, O Sauda.”
So Allah revealed that the verses of Al-Hijab”
.
सही बुखारी – जिल्द 1 किताब 4 हदीस 14
4-दूसरी हदीस
“आयशा ने कहा कि सौदा (रसूल की एक पत्नी)मैदान में शौच के लिए गयी थी . उसकी छातियाँ काफी बड़ी थी , जिन्हें छुपाना उसके लिए असंभव था , इस पर उमर ने सौदा से कहा “सौदा अल्लाह की कसम तुंम मेरे नज़रों से खुद को नहीं बचा सकती ” जब आयशा ने यह बात घरमे आकर रसूल को बतायी तब ही अल्लाह ने हिजाब की आयत उतारी ”
، عَنْ عَائِشَةَ، قَالَتْ خَرَجَتْ سَوْدَةُ بَعْدَ مَا ضُرِبَ عَلَيْهَا الْحِجَابُ لِتَقْضِيَ حَاجَتَهَا وَكَانَتِ امْرَأَةً جَسِيمَةً تَفْرَعُ النِّسَاءَ جِسْمًا لاَ تَخْفَى عَلَى مَنْ يَعْرِفُهَا فَرَآهَا عُمَرُ بْنُ الْخَطَّابِ فَقَالَ يَا سَوْدَةُ وَاللَّهِ مَا تَخْفَيْنَ عَلَيْنَا فَانْظُرِي كَيْفَ تَخْرُجِينَ . قَالَتْ فَانْكَفَأَتْ رَاجِعَةً وَرَسُولُ اللَّهِ صلى الله عليه وسلم فِي بَيْتِي
“A’isha reported that Sauda went out (in the fields) in order to answer the call of nature She had bulky bosom,and she could not conceal herself ,. ‘Umar b. Khattab saw her and said:
Sauda, by Allah, you cannot conceal from us”(‘A’isha) said: She turned back. Allah’s Messenger was at that time in my house having his
. Therefore, Allah revealed that the verses of Al-Hijab.
सही मुस्लिम – हदीस 2170
उमर की ऐसी अशिष्ट हरकत से कुरान में हिजाब की इन आयतों में परदे के नाम पर मुस्लिम औरतों को यह हुक्म दिए गए हैं
5-मुस्लिम औरतें अपनी योनियाँ संभालें
इन हदीसों के मुताबक उमर रसूल की पत्नियों की योनियाँ देखता था , और उसने रसूल की पत्नी सौदा को पहचान लिया था , इसी लिए कुरान की इस आयत सूरा – नूर 24:31 में मुस्लिम औरतों को अपनी अपनी योनियों की हिफाजत करने का हुक्म दिया गया .
قُلْ لِلْمُؤْمِنَاتِ يَغْضُضْنَ مِنْ أَبْصَارِهِنَّ وَ يَحْفَظْنَ فُرُوْجَهُنَّ..24:31
“कुल लिल मोमिनात यगजुजना मिन अब्सारि हिन्न ,व् यैहफज्ना फुरूजहुन्न ”
“And say to the believing women (that) they should lower their gaze,and they should guard,their vagina”
“हे नबी तुम ईमान वाली औरतों को कहो कि वे अपनी नजर नीचे करें , और अपनी योनियों की हिफाजत करें ”
इस आयत में अरबी शब्द “फुरूजहुन्न -فُرُوْجَهُنَّ “शब्द आया है , इसका अर्थ “उनकी योनियाँ – ,their vagina ” होता है , व्याकरण के अनुसार यह शब्द “3rd person feminine plural possessive pronoun”है ,
3-hijab of the eyes” came the order describing the dress code for women:
6-औरतें अपने स्तन ढाँकेँ
रसूल की पत्नी सौदा एक अधेड़ महिला थी ,उसके स्तन ढीले होकर लटकने लगे थे , इसी लिए उमर ने सौदा को आसानी से पहिचान लिया था , और कुरान में इसी आयात में अगला वाक्य यह आदेश है
وَ لاَ يُبْدِيْنَ زِيْنَتَهُنَّ إِلاَّ مَا ظَهَرَ مِنْهَا وَ لْيَضْرِبْنَ بِخُمُرِهِنَّ عَلىَ جُيُوْبِهِنَّ…24:31
“व् ला युब्दीना जीनतहुन्न इल्ला मा जहर मिन्हा व् ला यज्रिब न बि खुमरिहिन्न आला जुयुबिहिन्न ”
“और अपनी सुंदरता को प्रदर्शित नहीं करें और अपनी छातियाँ ढांक कर रखें ”
“.and not display their beauty except what is apparent, and they should place their khumur over their “bosoms…”
इस आयत में अरबी शब्द “ख़ुम्र – خُمُرٌ ” आया है ,जिसका बहुवचन “खुमार – خِمَارٌ ” है , इसका अर्थ ढांकने वाला Cover यानी ऐसा वस्त्र जिस से छातियाँ ढँक जाएँ . अर्थात मुस्लिम औरतें अपने स्तन छुपा कर रखें
7-मुस्लिम औरतें क्या पहनें
पूरी कुरान में मुस्लिम औरतों को ” बुरका ” ओढने या ” नकाब ” लगाने का आदेश नहीं मिलता , बल्कि यह कहा गया है ,
يَا أَيُّهَا النَّبِيُّ, قُلْ لأَزْوَاجِكَ وَ بَنَاتِكَ وَ نِسآءِ الْمُؤْمِنِيْنَ: يُدْنِيْنَ عَلَيْهِنَّ مِنْ جَلاَبِيْبِهِنَّ…33:59
हे नबी तुम अपनी पत्नियों , बेटियों और ईमान वाली औरतों से कहो कि वह “जलबीब ” पहिना करें ” सूरा -अहजाब -33:59
“O Prophet! Say to your wives, your daughters, and the women of the believers that: they should wear themselves their jalabib.
इस आयात में अरबी शब्द ” जलबीब – جَلاَبِيْبٌ” आया है ,जिसका बहु वचन ” जलाबीब – جِلْبَابٌ ” है . इसका अर्थ ढीली ढाली कमीज (Shirt ) होता है .अरबी शब्दकोष में भी यही लिखा है ji lbab =as “the loose shirt or a wide dress—القميص أو الثوب الواسع.means a loose outer garment
8-परदेवालियां कैसी दिखेंगीं ?
परदे के बारे में अकबर इलाहाबादी ने कहा था ,
” बात परदे की है ,तो बदशक्ल परदे में रहें , महफ़िलों में आके बैठें हुस्न वाली बीवियां ”
ध्यान देने की बात है कि कुरान यह नहीं लिखा है की
मुस्लिम औरतें कमर से नीचे क्या पहिने ?
यदि कुरान की इन्हीं आयतों पर अमल करके मुस्लिम औरतें , अपनी योनयों का वचाव कर लें , और अपने स्तनों को छुपाने के लिए ढीली कमीज पहिन कर बहार निकलें , तो मुस्लिम औरतों को ऐसा ही लिबास या पर्दा करना चाहिए , जैसा इस तस्वीर में दिया है , पेरिस में दिनांक 28 अक्टूबर 2010 को मुस्लिम औरतों ने ऐसे ही कपडे पहन कर परदे का विरोध किया था
परदेवालियां
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ब्रजनंदन शर्मा
(लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं)
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