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भाड़ में जाए ऐसी मुहब्बत !
आपने गौर किया होगा कि जब भी लोकसभा ,विधान सभा या स्थानीय निकायों का चुनाव की घोषणा होती है तो ओवैसी जैसे कई मुस्लिम नेता मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करने के कोई न कोई ऐसा मुद्दा खोज लेते है जिस से तनाव पैदा हो जाये और मुस्लिम वोटर खींच कर इन मुल्लों के कब्जे में आ जाएँ ,फिर यह मुल्ले सत्ता के भूखे हिन्दू विरोधी पार्टी के नेताओं से वोटों का सौदा कर सकें और अगर वह पार्टी जीत जाती है तो बदले में इन मुल्लों के अपराधियों को मन चाहे पद मिल जाते है .संयोग से इस बार ओवैसी जैसे जिहादी नेताओं को केरल फाइल पिक्चर का मुद्द्दा मिल गया जैसा कि इन हिन्दू शत्रुओं की नीति है इन लोगों ने भौंकना शुरू कर दिया कि इस पिक्चर का उद्देश्य मुसलमानों से नफ़रत फैलाना है जबकि मुस्लिम सौहार्द , भाईचारा और शांति चाहते है दुर्भाग्य से कुछ हिन्दू भी इन शांति दूतों के जाल में फस जाते हैं यह लोग भारत भर में मुस्लिमों द्वारा छोड़ी गयी शांति कि निशानियां टूटे फूटे मंदिरों के खँडहर नहीं दिखाई दते ?आये दिन मुस्लिमों द्वारा हिन्दू लड़कियों से बलात्कार और हत्या की घटनाओं को देख कर भी आज तक इस्लाम की शांति नहीं दिखाई देती है ?जो नादान लोग मुसलमानों से शांति कि अपेक्षा रखते हैं उनको पता होना चाहिए कि मुहमदी शांति से प्रभावित होकर ही मुसलमानों ने ही मुहमद की बेटी ,पत्नी ,ससुर ,दामाद और नवासों हमेशा के लिए शांत कर दिया था हमने अब तक इस्लाम को खूब समझ लिया ,मुसलमानों की मुहबत को परख लिया जो हमारी लडकियों को फसा कर मुस्लिम बना लते है और कहते हैं इस्लाम में सभी समान हो जाते है ,हम उन मुल्लों को चुनौती देते हैं कि ऐसे केवल दस भारतीय मुस्लिम लड़कों के नाम बताएं जिन्होंने सऊदी अरब की लड़कियों से निकाह किया हो ? या सऊदी अरब की नागरिकता ले कर दिखाओ ? फिर हमसे मुहबत की बात करो .आज जो सेकुलर रोग से ग्रस्त कांग्रेसी मानसिकता वाले बजरंग दाल को नफ़रत फ़ैलाने वाला और पी ऍफ़ आई (P.F.I ) को मुहब्बत बांटने वाला साबित करने में लगे रहते हैं ,वह ईराक में यजीदी ,ईरान में पारसी ,पाकिस्तान और बंगला देश में हिन्दुओं की इन मुहब्ब्त वालों ने क्या हालत कर राखी है लोगों को दिखाए फिर हमसे बात करें ,आज हम ओवैसी से सिर्फ कहना चाहते हैं कि जाओ पहले पाकिस्तान में जाकर देखो नफ़रत कौन फैला रहा है . तुम्हें स्वीकार करना पड़ेगा मुहम्मद ने मुहब्बत के जो बीज बोये थे उनके फल पक गए है हमें तुम्हारी मुहब्बत की जरुरत नहीं
“हम बाज आये मुहब्बत से , उठा लो पानदान अपना ”
हमें तो ईश्वर से तुम जैसे लोगों से मुहब्बत नहीं बल्कि क्रोध करने की कामना रखते है देख लो
मन्युरसि मन्युं मयि धेहि सहोSसि सहो मही धेहि
“मन्यु मसि” आप दुष्टों पर क्रोध करनेवाले हैं ,
“मन्युं मयि धेहि” आप मुझमें भी दुष्टों पर क्रोध धारण कराओ
यजुर्वेद .अध्याय 19 मन्त्र 9
आज हमें नफ़रत की नहीं बल्कि मन्यु की जरूरत है ,क्योंकि नफ़रत केवल मन से की जाती है जबकि मन्यु कर्म से की जाती है इसमें दुष्टों का समूल नाश किया जाता है
नोट -विवेदन है की जल्द ही इसी विषय पर एक लेख पोस्ट किया जायेगा जिसका शीर्षक “इस्लाम शांति या आतंक “(200/39 ) होगा इसे अवश्य पढ़िए
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ब्रजनंदन शर्मा

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